बारिश में भीगा 2 लाख टन धान, आंधी चलने से 4000 एकड़ में तैयार आम की फसल चौपट

तेलंगाना के मंचेरियल जिले में बेमौसम बारिश और आंधी से आम और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. 4,000 एकड़ में आम के बाग प्रभावित हुए, जबकि 2 लाख मीट्रिक टन धान भीग गया.

नोएडा | Published: 12 May, 2025 | 11:56 AM

तेलंगाना के मंचेरियल जिले में हाल ही में हुई बारिश से आम की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. बेमौसम बारिश और तेज आंधी की वजह से जिले में करीब 4,000 एकड़ में फैले आम के बाग बर्बाद हो गए. 30 अप्रैल से 6 मई के बीच जिले के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाएं चलीं. इस दौरान नेंनल, भीमराम, बेल्लमपल्ली, जयपुर, मंडमरी और तंडूर मंडलों में आम के बाग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. यहां 3,713 एकड़ में आम की फसल कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन बारिश और आंधी ने फलों को पेड़ों से गिरा दिया. वहीं, क्रय केंद्र पर 2 लाख धान भीग गए.

अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2 मई को सबसे ज्यादा बारिश भीमराम मंडल में 23.8 मिमी दर्ज की गई, इसके बाद नेंनल में 21.3 मिमी. जिले का औसत वर्षा स्तर 5.2 मिमी रहा. जयपुर मंडल में 10 मिमी, कन्नेपल्ली में 9.1 मिमी और 6.5 मिमी बारिश हुई. 4 और 6 मई को भी हल्की बारिश दर्ज की गई. किसानों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद थी, लेकिन बेमौसम बारिश ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. उन्होंने सरकार से अपील की कि नुकसान का पूरा सर्वे कराया जाए और जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

1.21 लाख एकड़ में धान की खेती

तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कई किसानों ने कहा कि उन्होंने आम की बागवानी में काफी पैसा लगाया था. अवदम गांव (नेननल मंडल) के आम किसान राजा गौड़ ने कहा कि बारिश और तेज हवाओं ने आम के बागों को तबाह कर दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से गिरे हुए आमों को इकट्ठा करने के लिए मजदूर तक नहीं मिल पाए. इसी दौरान, 862 एकड़ में कटाई के लिए तैयार धान की फसल भी बेमौसम बारिश की चपेट में आ गई. खरीद केंद्रों पर रखा करीब 2 लाख मीट्रिक टन धान भीग गया, जिससे किसानों को और नुकसान झेलना पड़ा. जिले में यासंगी सीजन 2025 के दौरान 1.21 लाख एकड़ में धान की खेती की गई थी.

3.23 लाख टन धान उत्पादन की उम्मीद

अधिकारियों ने कहा कि जिले में इस बार 3.23 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन होने की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को तुरंत राहत देने की तैयारी की जा रही है. साथ ही, धान को भीगने से बचाने के लिए खरीद केंद्रों पर पर्याप्त तिरपाल शीट्स भेजी गई हैं.