किसानों के लिए उनकी फसलें काफी अहम मानी जाती है. किसान बड़ी मेहनत से फसलों को बोते, सिंचते हैं ताकि उनके फसलों की अचकी पैदावार हो सके जिसे वह बाजारों में बेंच कर थोड़ा मुनाफा कम सके. लेकिन कई बार फसलें बीमारियों और कीटों के वजह से बर्बाद हो जाती है. तो वहीं अब सवाल यह उठता हैं कि क्या हम जानते हैं कि हमारे खेतों की फसलों में कौन सी कीटों का संक्रमण है. इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे मोजेक वायरस के बारें में जो धीरे-धीर फैल कर पूरी फसलों को खराब कर देता है. इसलिए यह बेहद जरूरी हैं की हम इस वायरस को पहचानें और इसके संक्रमण को रोकने के लिए सहीं कदम उठायें.
मोजेक वायरस क्या होता है?
मोजेक वायरस एक तरह का पौधों में लगने वाला वायरल बीमारी है, जो फसलों की पत्तियों पर पीले, हरे, सफेद या कभी-कभी भूरे रंग की धारियां या धब्बे बना देता है. ये धारियां मोजेक (मोजेक यानी पैचवर्क) की तरह दिखती हैं, इसलिए इसे मोजेक वायरस कहा जाता है. यह वायरस बीमारी कई तरह की फसलों में देखने को मिलती है जैसे की टमाटर, मिर्च, भिंडी, बैंगन, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली, गन्ने के साथ – साथ सब्जी, दाल और अनाज की फसलों को भी प्रभावित कर सकता हैं.
मोजेक वायरस के प्रकार
मोजेक वायरस तीन प्रकार के होते हैं, जिनमें बीन कॉमन मोजेक वायरस (BCMV) और बीन पीला मोजेक वायरस (BYMV) खासकर बीन्स को नुकसान पहुंचाते है. यह ज्यादातर एक कीट एपिड यानी महू के माध्यम से फैलता है, जबकि BCMV बीजों के जरिए भी फैल सकता है. इसके साथ ही मोजेक ककड़ी वायरस (CMV) सिर्फ ककड़ी ही नहीं, बल्कि टमाटर, मिर्च, पालक, बैंगन, खरबूजा जैसी कई सब्जियों में भी पाया जाता है यह भी एपिड्स के माध्यम से ही फैलता है. वहीं तम्बाकू मोजेक वायरस (TMV) बीज और सीधे संपर्क के ज़रिए फैलता है. इससे बचने के लिए ऐसे पौधों की किस्में लगाएं जो इस वायरस के प्रति प्रतिरोधी हों.
कैसे फैलता है ये वायरस?
मोजेक वायरस हवा से नहीं फैलता, बल्कि यह कीड़ों के ज़रिए जैसे एफिड (तेला), व्हाइटफ्लाई (सफेद मक्खी), थ्रिप्स आदि. ये कीड़े एक संक्रमित पौधे से वायरस उठाकर हेल्दी पौधे तक पहुंचा देते हैं. इसके अलावा, संक्रमित बीज, खेत में छोड़े गए पुराने पौधे के हिस्से, और गंदे औजार से भी वायरस फैल सकते है.
मोजेक वायरस को कैसे कंट्रोल करें?
ध्यान रखें कि मोजेक वायरस का कोई इलाज नहीं है, इसलिए नियंत्रण ही सबसे अच्छा उपाय है. अगर आपके पौधे संक्रमित हो गए हैं, तो संक्रमित पौधे तुरंत जला दें या कूड़े में फेंक दें. इसके साथ ही आसपास के पौधों पर नजर रखें ताकि यह वायरस और न फैल सके. इसके अलावा हर बार गार्डन टूल्स का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें हल्के ब्लीच सॉल्यूशन से साफ करें.
मोजेक वायरस से बचाव के उपाय
- – अच्छे और स्वस्थ बीजों का इस्तेमाल करें, लोकल बाजार से बिना जांचे बीज न लें.
- – एफिड और सफेद मक्खी जैसे कीटों पर नियंत्रण रखें. इसके लिए जैविक कीटनाशक (जैसे नीम का तेल) या जरूरत पड़ने पर रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें.
- – संक्रमित पौधों को खेत से निकालकर जला दें ताकि वायरस आगे न फैले.
- – खेती में इस्तेमाल होने वाले औजारों को हर बार साफ करें.
- – फसल काटने के बाद खेत की सफाई जरूर करें, पुराने पौधे के हिस्सों को खेत में न छोड़ें.