बस डेढ़ लाख लगाइए, पपीते से दो साल में 10 लाख तक कमाइए

पपीते की खेती में नर्सरी से लेकर पैदावार तक की सही तकनीक अपनाकर किसान दो साल में 10-12 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 10 Apr, 2025 | 06:40 PM

खेती सिर्फ गेहूं-धान तक नहीं सीमित है. आज के किसान अब फल-फूल से भी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. खासकर पपीते की खेती, जो अगर सही तरीके से की जाए तो दो साल में लाखों की कमाई हो सकती है. बिहार के पूसा कृषि विश्वविद्यालय के जानकार डॉ. सुनील कुमार सिंह के अनुसार अगर नर्सरी से लेकर तुड़ाई तक का हर कदम, वैज्ञानिक तरीके से उठाया जाए तो पपीते की फसल किसान की किस्मत बदल सकती है. तो चलिए जानते हैं की कैसे इसकी खेती करें?

नर्सरी से शुरुआत करें

पपीते की खेती की शुरुआत वहीं से होती है, जहां बीज मिट्टी से मिलते हैं. यानि नर्सरी से. डॉ. सुनील के अनुसार अगर किसान पपीते से अच्छा मुनाफा कमाना चाहता है तो सबसे पहले उसे नर्सरी तैयार करने के काम को गंभीरता से लेना होगा. देखा जाए तो आजकल किसान पॉलीथीन बैग में ही पपीते के पौधे तैयार कर लेते हैं. जलवायु की बात करें तो उत्तर भारत में अप्रैल और मई के महीने इसके लिए सबसे उपयुक्त हैं. वहीं, जहां सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है, वहां फरवरी-मार्च या सितंबर-अक्टूबर में भी नर्सरी लगाई जा सकती है.

मिट्टी, खाद और खेत का हिसाब

अच्छी खेती की नींव अच्छी जमीन से ही पड़ती है. पपीते के लिए दोमट मिट्टी सबसे सही मानी जाती है. वो भी ऐसी, जिसमें पानी टिके नहीं, और सूरज की रौशनी भरपूर मिले. क्योंकि पपीते की जड़ें गहराई में नहीं जातीं, इसलिए खेत ऐसा होना चाहिए जहां तेज हवाएं न हों और न ही बारिश का पानी जमा हो.

वहीं, बुवाई के लिए 1 फीट लंबा, 1 फीट चौड़ा और 1 फीट गहरा गड्ढा खोदिए.उसे 15 दिन तक धूप में खुला छोड़ दीजिए, ताकि मिट्टी में छिपे कीड़े-मकोड़े भी बाहर आ जाएं. उसके बाद फिर हर गड्ढे में 5 ग्राम कार्बोफ्यूरान (कीटनाशक) और 25-30 ग्राम डीएपी खाद मिलाकर गड्ढे को आधा भर दीजिए. इसके अतिरिक्त गोबर की सड़ी हुई खाद डाल दें, जो कि फायदेमंद होता है.

रोपाई का सही तरीका

नर्सरी से 6-8 इंच ऊंचे, हरे और रोगमुक्त पौधे चुनें. इसके रोपाई के लिए सुबह या शाम का समय सबसे सही होता है. इसके अलावा पॉलीथीन हटाकर पौधों को गड्ढे में लगाएं और हल्की सिंचाई करें. ध्यान देने की बात यह है कि पौधों के बीच 1.8 मीटर की दूरी रखें ताकि हवा-धूप भरपूर मिले. इसके लिए ड्रिप सिंचाई अपनाएं और पौधों के चारों ओर सूखे पत्तों या भूसे से मल्चिंग करें.

पैदावार और मुनाफा

पपीते की रोपाई के करीब 9-10 महीने बाद फल आना शुरू हो जाता है और 2 साल तक तुड़ाई चलती है. एक पौधा औसतन 80 किलो से 1.5 क्विंटल तक फल देता है. मध्य प्रदेश के खंडवा के किसान पवन चौहान ने एक एकड़ में 700 से ज्यादा पौधे लगाकर दो साल में 10-12 लाख तक का मुनाफा कमाया. इसकी बुवाई से देख- भाल करने तक पवन का तकरीबन 1.5 लाख रुपए तक की लागत लगी थी.

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Published: 10 Apr, 2025 | 06:40 PM

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