बिहार में स्वीट कॉर्न की खेती लाभकारी मॉडल बनी, मशरूम उगाने में आगे महिलाएं

बिहार कृषि विभाग के सचिव समजय कुमार अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने, खेती करने के नए और आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करने औप महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनने के लिए महिला किसानों की सराहना की.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 29 May, 2025 | 08:30 AM

बिहार की राजधानी पटना में कृषि विभाग की ओर से नालंदा जिले के 3 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया. इन किसानों को सम्मानित करते हुए बिहार कृषि विभाग के सचिव समजय कुमार अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने,खेती करने के नए और आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करने और महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनने के लिए इन तीनों किसानों की सराहना की. बता दें कि नालंदा जिले की आकांक्षा कुमारी, मंजुला और बुंदन प्रसाद को सम्मानित किया गया है.

स्वीट कॉर्न की खेती से फायदा

बिहार कृषि विभाग की ओर से किसानों को सब्सिडी पर बीज मुहैया कराए गए, खेती की नई तकनीकें बताई गई और ट्रेनिंग दी गई. नालंदा के प्रगतिशील किसान बुंदन प्रसाद ने इस सबकी मदद से स्वीट कॉर्न की खेती की जो कि उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुई. कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बुदन प्रसाद की स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती की सराहना करते हुए कहा कि यह लाभ देने वाली खेती की सबसे अच्छा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि स्वीट कॉर्न की खेती बिहार के किसानों के लिए लाभकारी मॉडल बन गया है.

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महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा

बता दें कि नालंदी की प्रगतिशील महिला किसान मंजुला को मशरूम की खेती से सफल व्यवसायी बनने और अपने साख 30 और महिलाओं को रोजगार देने के लिए सम्मानित किया गया. सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने किसान मंजुला की तारीफ करते हुए कहा कि मंजुला ने साल 2010 में मशरूम की खेती की शुरुआत की जिसके बाद धीरे-धीरे वे मसाला निर्माण और उनकी बिक्री करने वाली एक सफल महिला व्यवसायी भी हैं. उन्होंने कहा कि मंजुला का अपने साथ 30 महिलाओं को जोड़ना सामूहिक महिला सशक्तीकरण का उदाहरण और अन्य महिलाों के लिए प्रेरणा भी.

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महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं आकांक्षा कुमारी

नालंदा की ही रहने वाली एक और प्रगतिशील महिला किसान आकांक्षा कुमारी न केवल खुद आर्थिक तौर पर मजबूत बन रही हैं बल्कि कई और महिलाओं को भी रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं. बता दें कि आकांक्षा कुमारी अचार, पापड़ और मुरब्बा जैसे घरेलू उत्पादों का निर्माण करती हैं. आकांक्षा गांव के लोकल किसानों से कच्चा माल खरीदकर स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देती हैं. आकांक्षा कुमारी की इस पहल को कृषि विभाग सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया है.

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Published: 29 May, 2025 | 08:30 AM

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