बीमा सुरक्षा को लेकर भारत ही नहीं यूरोप के किसान भी परेशान, 70 फीसदी नुकसान खुद बर्दाश्त कर रहे

एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के कृषि क्षेत्र को हर साल औसतम लगभग 28.3 अरब यूरो डॉलर का नुकसान होता है यानी हर साल करीब 2.55 लाख करोड़ रुपये का नुकसान. बता दें कि ये यूरोप के कुल कृषि उत्पादन का 6 फीसदी है.

नोएडा | Published: 28 May, 2025 | 07:28 PM

आए दिन बदलते मौसम के चलते किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौसम की मार केवल भारत के ही किसानों को ही नहीं झेलनी पड़ती है बल्कि दुनिया में ऐसे कई विकसित देश भी हैं जहां किसानों के सामने ये समस्याएं खड़ी हैं. ऐसी ही समस्या यूरोप जैसे समृद्ध महाद्वीप में भी देखने को मिल रही है. यहां के किसान सूखा, बाढ़, और औलावृष्टि जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. जिसके कारण किसानों को हर साल भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

70 फीसदी किसानों को नही मिल रहा बीमा

बता दें कि यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) और यूरोप आयोग की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट में साफ तौर पर ये चेतावनी दी गई है कि अगर यूरोप के कृषि क्षेत्र को मौसमी आपदाओं से बचाना है तो इसके लिए बेहद जरूरी है कि किसानों को फसल सुरक्षा बीमा दिया जाए. लेकिन इस चेतावनी के बाद भी यूरोप में मौसमी आपदाओं से होने वाले कुल नुकसान का 70 फीसदी नुकसान किसानों को खुद ही झेलना पड़ रहा है.

हर साल 28.3 अरब यूरो का नुकसान

एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के कृषि क्षेत्र को हर साल औसतन लगभग 28.3 अरब यूरो डॉलर का नुकसान होता है यानी हर साल करीब 2.55 लाख करोड़ रुपये का नुकसान. बता दें कि ये यूरोप के कुल कृषि उत्पादन का 6 फीसदी है. इस रिपोर्ट में यह भी साफ-साफ कहा गया है कि अगर समय रहते इस नुकसान को न रोका गया तो आने वाले समय में साल 2050 तक यह नुकसान 6 फीसदी से बढ़कर 66 फीसदी तक जा सकता है.

जलवायु के अनुकूल हो खेती

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय संघ को यह सुझाव दिया गया है कि यूरोप में कुछ ऐसे इंतजाम किए जाए जिससे आपदा के समय किसानों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके. सरकारी और निजि क्षेत्र की कंपनियां साझेदारी कर ऐसी व्यवस्था करें कि किसानों को आपदा की स्थिति में तुरंत मदद मुहैया कराई जा सके. इसके साथ ही यूरोप में जलवायु के अनुकूल खेती करने पर भी जोर दिया जा रहा है.

भारत में 30 फीसदी फसल बीमा सुरक्षा

बता दें कि भारत में साल 2026 में शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आज केवल 30 फीसदी फसल क्षेत्र ही बीमा सुरक्षा में आता है. जबकि साल 2019 तक 50 फीसदी फसल क्षेत्र को बीमा सुरक्षा में कवर करने का टार्गेट था. वर्तमान में यह योजना देश के 21 राज्यों में चलाई जा रही है.