76,000 से अधिक किसान होंगे सशक्त, सिक्किम में शुरू हुआ विशेष अभियान

इस अभियान को सफल बनाने के लिए आठ विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक, टेक्नोलॉजिस्ट और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. ये टीम सिक्किम के विभिन्न इलाकों में जाकर किसानों को तकनीकी मदद और प्रशिक्षण देंगे.

नई दिल्ली | Published: 28 May, 2025 | 10:26 AM

सिक्किम में खेती को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य सरकार ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की है, जिसका मकसद 76,000 से अधिक किसानों को जैविक और जलवायु के अनुकूल खेती के तरीकों से सशक्त बनाना है. यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा और किसानों को बेहतर उत्पादन व टिकाऊ खेती के लिए नई तकनीक सिखाई जाएगी.

सिक्किम भारत का पहला ऐसा राज्य है जो पूरी तरह से जैविक खेती को अपनाता है. इस अभियान से किसानों को नए तरीके सीखने और अपनी खेती बेहतर बनाने का मौका मिलेगा.

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ क्या है?

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ एक खास पहल है जो सिक्किम के किसानों को जैविक खेती और जलवायु-स्मार्ट खेती के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित करेगी. इस योजना के तहत किसानों को उनके खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता को समझने और सुधारने के लिए ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ भी दिए जाएंगे. इन कार्डों की मदद से किसान उर्वरकों और खाद का सही इस्तेमाल कर अपनी फसल की उपज बढ़ा सकते हैं.

जैविक और जलवायु अनुकूल खेती पर विशेष ध्यान

इस अभियान में किसानों को ऐसे तरीके सिखाए जाएंगे जो पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ फसल को जलवायु बदलाव के प्रभाव से बचा सकें. खेती में रासायनिक उर्वरकों का कम उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों का सही प्रबंधन इस योजना का मुख्य आधार है. इससे न सिर्फ मिट्टी स्वस्थ रहेगी, बल्कि किसानों की पैदावार में भी सुधार होगा.

विशेषज्ञों की टीम किसानों के साथ सीधे संपर्क में

इस अभियान को सफल बनाने के लिए आठ विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक, टेक्नोलॉजिस्ट और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. ये टीम सिक्किम के विभिन्न इलाकों में जाकर किसानों को तकनीकी मदद और प्रशिक्षण देंगे, खासकर उन इलाकों में जहां जलवायु परिवर्तन के कारण खेती प्रभावित हो रही है.

सरकार की योजनाओं की जानकारी

अभियान का एक और अहम हिस्सा है किसानों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी देना. इससे किसान सरकारी सहायता का पूरा लाभ उठा सकेंगे और अपनी खेती को और मजबूत बना सकेंगे.

किसान भी देंगे अपनी राय

इस अभियान में किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं और सुझावों को भी जाना जाएगा. इससे नीति निर्माता और वैज्ञानिक भविष्य में किसानों की जरूरतों के अनुसार नई योजनाएं और शोध कर सकेंगे. यह दो-तरफा संवाद किसानों और सरकार के बीच मजबूत रिश्ते की निशानी है.