बेमौसम बारिश की मार: किसानों-मछुआरों की कमर टूटी, हजारों घर-नौकाएं तबाह

बारिश से सिर्फ खेत ही नहीं, घर और मछुआरों की नावें भी तबाह हो गईं. 2,124 पक्के मकान और 4 झोपड़ियां पूरी तरह ढह गईं, जबकि 2,120 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है.

नई दिल्ली | Published: 28 May, 2025 | 08:46 AM

महाराष्ट्र के पालघर जिले में बेमौसम बारिश किसी बुरे सपने से कम नहीं रही. जहां एक तरफ किसान अपनी मेहनत की फसल काटने की तैयारी में थे और मछुआरे रोज की तरह समंदर से रोजी-रोटी लाने निकले थे, वहीं अचानक आई बेमौसम बारिश ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया. तेज बारिश और तेज हवाओं ने खेतों को उजाड़ दिया, नावें तोड़ दीं और सैकड़ों परिवारों के घरों पर कहर बनकर टूटी. इस आपदा ने हजारों लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से गहरा झटका दिया है.

9,000 से अधिक लोग प्रभावित

पालघर जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बेमौसम बारिश से 9,000 से ज्यादा किसान और मछुआरे प्रभावित हुए हैं. कई परिवारों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है. लोगों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है और राहत के लिए अब वे सरकार की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं.

फसलों और पेड़ों को भारी नुकसान

करीब 2,700 हेक्टेयर में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. इस नुकसान में धान, सब्जियां और फलों के बागान शामिल हैं. इससे किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया. प्रशासन ने राज्य सरकार को नुकसान का आकलन भेजकर आर्थिक सहायता की मांग की है.

घर और नावें भी नहीं बचीं

बारिश से सिर्फ खेत ही नहीं, घर और मछुआरों की नावें भी तबाह हो गईं. 2,124 पक्के मकान और 4 झोपड़ियां पूरी तरह ढह गईं, जबकि 2,120 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. साथ ही 99 नावें आंशिक रूप से टूटीं और 2 नावें पूरी तरह नष्ट हो गईं.

प्रशासन ने मांगी मदद

जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को SDRF (राज्य आपदा मोचन निधि) से आर्थिक सहायता के लिए प्रस्ताव भेजा है. करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि की मांग की गई है ताकि प्रभावित परिवारों को जल्द सहायता मिल सके.