आंध्र प्रदेश में तंबाकू की कीमतों में भारी गिरावट, सरकार ने उठाए ठोस कदम

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को चेतावनी दी कि अगर इस संकट का समाधान नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं सहन किया जाएगा और अगर स्थिति ठीक नहीं हुई, तो तंबाकू उद्योग संकट में पड़ सकता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 19 May, 2025 | 09:54 AM

आंध्र प्रदेश के तंबाकू किसान इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. तंबाकू की अधिक आपूर्ति के कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे किसानों की आमदनी पर असर पड़ा है. राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तंबाकू की इस संकट स्थिति पर ध्यान दिया है और किसानों के हितों की रक्षा के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं. इस संकट को हल करने के लिए सरकार ने कुछ अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को राहत मिल सके और तंबाकू के बाजार में स्थिरता वापस आ सके.

अधिक तंबाकू का उत्पादन और घटती कीमतें

2024-25 के सीजन में तंबाकू की खेती 190,456 हेक्टेयर क्षेत्र में की गई, जिससे 450 मिलियन किलोग्राम तंबाकू का उत्पादन हुआ. इस भारी उत्पादन के कारण बाजार में तंबाकू की अधिक आपूर्ति हो गई, जिससे कीमतों में गिरावट आई. पहले तो तंबाकू की खेती किसानों के लिए लाभकारी मानी जाती थी, लेकिन अब कीटों के हमले और अन्य कारणों से तंबाकू की खेती में अधिक ध्यान देना पड़ रहा है. इस बदलाव ने किसानों को परेशान कर दिया है और उन्हें न्यूनतम कीमतों पर तंबाकू बेचना पड़ रहा है.

तंबाकू की खेती में हुई जबरदस्त वृद्धि

पिछले पांच सालों में तंबाकू की खेती का रकबा कई गुना बढ़ा है. 2023-24 में देश का तंबाकू निर्यात लगभग ढाई गुना बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इस दौरान तंबाकू की फसल का आकार 145 मिलियन किलोग्राम था, जिसमें कर्नाटक से 100 मिलियन किलोग्राम तंबाकू शामिल था. कर्नाटक में तंबाकू की फसल का आकार 2001-02 में सिर्फ 38 मिलियन किलोग्राम था, जो अब पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ते हुए 100 मिलियन किलोग्राम तक पहुंच गया है. इस वृद्धि के साथ-साथ तंबाकू की खेती का रकबा भी 1.35 लाख एकड़ से बढ़कर 1.62 लाख एकड़ हो गया है.

किसानों का संकट और गिरते दाम

15 मई को राज्य के मानव संसाधन मंत्री एन लोकेश ने जब अम्मनब्रोलू (प्रकाशम जिला) का दौरा किया, तो किसानों ने उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि तंबाकू की कीमतें बहुत कम हो गई हैं और माल बिक नहीं रहा है. व्यापारी कम कीमत पर तंबाकू खरीदने से मना कर रहे हैं और नीलामी में भी तंबाकू की गुणवत्ता को लेकर समस्याएं आ रही हैं. इसके बाद, मंत्री ने कृषि मंत्री से इस मुद्दे को तंबाकू बोर्ड और केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय तक उठाने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री नायडू का हस्तक्षेप और सरकार का समर्थन

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस संकट पर एक समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को किसानों के हितों की रक्षा करने के निर्देश दिए. उन्होंने तंबाकू की विभिन्न किस्मों की कीमतों पर नजर डाली और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि HD बर्ली की कीमत ₹12,500 प्रति क्विंटल (₹125 प्रति किलोग्राम) से कम न हो. इसके साथ ही कंपनियों को 20 मिलियन किलोग्राम तंबाकू खरीदने का आदेश भी दिया गया.

आगे के कदम और रणनीतियां

सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए 2025 से किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की योजना बनाई है, ताकि अधिक तंबाकू की खेती को रोका जा सके और किसानों को अन्य फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया जा सके. मुख्यमंत्री ने तंबाकू उत्पादन में विविधता लाने की बात की, जिससे किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाया जा सके. उन्होंने तंबाकू बोर्ड को यह सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा है कि वैश्विक मांग के अनुरूप ही तंबाकू का उत्पादन हो.

किसानों के लिए जरूरी बदलाव

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को चेतावनी दी कि अगर इस संकट का समाधान नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं सहन किया जाएगा और अगर स्थिति ठीक नहीं हुई, तो तंबाकू उद्योग संकट में पड़ सकता है.

यह संकट केवल किसानों की परेशानी नहीं है, बल्कि पूरे तंबाकू उद्योग के लिए चिंता का विषय बन गया है. सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए निरंतर कदम उठा रही है, ताकि किसानों को भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े.

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Published: 19 May, 2025 | 09:50 AM

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