सरकार का बड़ा ऐलान- किसानों को मिलेगा 17 हजार करोड़ का कृषि लोन, पशुपालकों को भी सहुलियत

तमिलनाडु सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. अब 17,000 करोड़ रुपये के फसल ऋण और 3,000 करोड़ रुपये के पशुपालन ऋण दिए जाएंगे. किसान ई-सेवा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर उसी दिन 5 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 24 Aug, 2025 | 08:30 AM

तमिलनाडु के किसानों के लिए राहतभरी खबर है. अब उनको खेती करने के लिए पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही कृषि लोन लेने के लिए बैंकों का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा. क्योंकि तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि इस साल राज्य के किसानों को 17,000 करोड़ रुपये के फसल ऋण दिए जाएंगे. इसके साथ ही 3,000 करोड़ रुपये के पशुपालन ऋण भी प्रदान किए जाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से किसानों को काफी फायदा होगा. वे लोन के पैसे से समय फसलों की बुवाई कर पाएंगे. इससे पैदावार में बढ़ोतरी होगी और किसानों की कमाई में इजाफा होगा. साथ ही पशुपालक भी लोन के पैसे से दुधारू मवेशी खरीद पाएंगे.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल सरकार ने 17.37 लाख किसानों को 15,062 करोड़ रुपये के फसल ऋण और 4.43 लाख लाभार्थियों को 2,645 करोड़ रुपये के पशुपालन ऋण दिए थे. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पहल से अब किसान जब ऑनलाइन आवेदन करते हैं, तो उसी दिन उनका फसल ऋण मंजूर हो जाता है. यह जानकारी सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई. सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह बेहतरीन त्वरित फसल ऋण योजना किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) के माध्यम से उसी दिन ऋण उपलब्ध कराती है, जिस दिन वे ऑनलाइन आवेदन करते हैं.

अब PACS कार्यालय जाने की जरूरत नहीं

मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरुआत 17 अगस्त को धर्मपुरी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की थी. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि यह पहल पूरे राज्य में लागू की जाएगी, ताकि ऋण प्रक्रिया को आसान और तेज बनाया जा सके. अब किसानों को फसल ऋण के लिए PACS कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है. वे ई-सेवा केंद्रों के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उसी दिन ऋण की राशि प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्येक किसान को अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है.

पहले क्या था किसानों के लिए नियम

बता दें कि बीते जुलाई महीने में कोयंबटूर जिले में एनओसी से जुड़ा मामला सामने आया था. तब किसानों ने कहा था कि राष्ट्रीयकृत बैंक उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं दे रहे हैं, जो प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से किसान क्रेडिट कार्ड लोन लेने के लिए जरूरी है. थीथीपलायम के किसान आर. पेरियासामी ने कहा था कि 17 जुलाई को सहकारी समितियों की ओर से जारी नए सर्कुलर के अनुसार, जिन किसानों ने पहले ही किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से KCC ऋण लिया है, उन्हें अब संबंधित बैंक शाखा प्रबंधक से NOC लेना जरूरी है.

Published: 24 Aug, 2025 | 08:27 AM