किसानों और मछुआरों को मिलेगा पैसा, 839 करोड़ की नई पशुपालन और मत्स्य योजनाएं लॉन्च

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विकास के लिए कई योजनाओं का उद्घाटन किया. इससे किसानों और मछुआरों को आधुनिक तकनीक और बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा. आइए जानते हैं कुछ योजनाओं के बारे में..

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 30 Sep, 2025 | 02:20 PM

Bihar News : बिहार के किसानों और मछुआरों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की 839 करोड़ रुपये से अधिक की कई योजनाओं का लांच किया. इन योजनाओं का मकसद राज्य में पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन के लिए पैसा और ट्रेनिंग मिलेगी. इसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों को मजबूत करना है और योजनाओं का फंड बढ़ाना है. इससे लाखों किसान और मछुआरे बेहतर संसाधन और तकनीक के जरिए अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे.

विश्वविद्यालय में नए भवनों का निर्माण

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में कुल 143 करोड़ रुपये की लागत से 13 नए भवन बनाए गए हैं. इसमें डेयरी इंजीनियरिंग संस्थान, पुरुष छात्रावास, लैब, क्लासरूम और कांफ्रेंस रूम शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने इन भवनों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि परिसर में सुरक्षा बढ़ाई जाए, सोलर प्लेट से ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और अधिक पौधे लगाए जाए.

राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र

राज्य में 116.52 करोड़ रुपये की लागत से 27 नई योजनाएं पूरी की गई हैं. इनमें राज्य और जिला स्तर के प्रशिक्षण केंद्र और पशु चिकित्सालय शामिल हैं. इन केंद्रों में किसानों और मछुआरों को आधुनिक तकनीक, पशुपालन और मत्स्य पालन  की ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशिक्षण से किसान अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकेंगे और उत्पादन में वृद्धि कर सकेंगे.

डेयरी और कृत्रिम गर्भाधान केंद्र

कॉम्फेड के तहत पूर्णिया में कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) प्रशिक्षण केंद्र और दूध उत्पाद संयंत्र का विस्तार किया गया, जिसमें 7.07 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके अलावा गयाजी में भी एक प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है. इन केंद्रों से किसान अपने पशुओं की प्रजनन क्षमता बढ़ा पाएंगे और दूध उत्पादन में सुधार करेंगे.

मछली बाजार और मत्स्य विकास

किशनगंज, बांका और पूर्णिया जिलों में 5 नए मछली बाजार खोले गए हैं, जिन पर 1.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके अलावा, 11 जिलों में पंचायत और प्रखंड स्तर पर मछली बाजार और अन्य ढांचागत सुविधाएं विकसित करने के लिए 44.46 करोड़ रुपये की नींव रखी गई है. इससे मछुआरों को सीधे बाजार मिलेगा और उनके उत्पाद की कीमत बेहतर होगी.

बड़े डेयरी और नियंत्रण केंद्र

कॉम्फेड के माध्यम से डेयरी, दूध पाउडर, दही बनाने वाले संयंत्रों और पटना के कॉम्फेड मुख्यालय में केंद्रीय कंट्रोल और कमांड सेंटर बनाया जाएगा. इसके लिए 279.14 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा, 246.06 करोड़ रुपये की लागत से 25 योजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिनमें नए पशु अस्पताल , प्रशिक्षण केंद्र, सीमेन स्टेशन और बिहार पशु चिकित्सा परिषद का प्रशासनिक भवन शामिल हैं.

लाभ और उद्देश्य

इन योजनाओं से बिहार के पशुपालक और मछुआरे  कई लाभ पाएंगे. उन्हें बेहतर प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीक और जरूरी संसाधन मिलेंगे.

राज्य सरकार का लक्ष्य है:-

  • किसानों और मछुआरों की आय बढ़ाना
  • गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना
  • बिहार को पशु एवं मत्स्य उत्पादन  में आत्मनिर्भर बनाना

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