केरल के मत्स्य पालन क्षेत्र को 1,346 करोड़, क्या बदल सकती है इससे मछुआरों की किस्मत?

Fish Farming: मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मोटा फंड मंजूर किया है. करोड़ों की राशि आवंटित होने से मछुआरों की कमाई बढ़ाने का रास्ता साफ होगा. आइए जानते हैं किस तरह से इस फंड का इस्तेमाल किया जाएगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 23 Sep, 2025 | 07:20 PM

केरल के मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 1,346 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस कदम का उद्देश्य समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखते हुए मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करना और स्थानीय मछुआरों की आजीविका को मजबूत करना है.

केरल को मिला केंद्र का सहयोग

केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने तिरुवनंतपुरम में आयोजित ब्लू टाइड्स केरल-यूरोपीय संघ कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यह घोषणा की. उन्होंने बताया कि 1,346 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाने, मछुआरों की आय बढ़ाने और समुद्री संसाधनों के संरक्षण के लिए किया जाएगा.

मुख्यमंत्री विजयन का ब्लू इकोनॉमी पर जोर

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि महासागर सिर्फ आय या राजस्व का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन और पर्यावरण का आधार है. उन्होंने कहा कि ब्लू इकोनॉमी का असली लक्ष्य आर्थिक विकास करना है, लेकिन इस प्रक्रिया में समुद्री पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए.

कॉन्क्लेव में नेताओं और विशेषज्ञों की भागीदारी

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन और केरल सरकार के मंत्री भी शामिल हुए. सभी विशेषज्ञों और नेताओं ने एकमत से कहा कि मत्स्य पालन केवल मछलियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समुद्री संसाधनों का संतुलित उपयोग और सतत विकास भी जरूरी है.

मछुआरों और स्थानीय समुदाय को होगा फायदा

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केरल की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए मत्स्य पालन पर निर्भर है. केंद्र से मिली यह राशि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मछुआरों को आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने और उनकी आय में वृद्धि के लिए मददगार साबित होगी. इससे न केवल ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

सतत विकास की दिशा में बड़ा कदम

इस योजना के तहत पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए मत्स्य पालन किया जाएगा. इसका उद्देश्य सिर्फ मछलियों की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बचाते हुए संतुलन बनाए रखना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल आने वाले समय में भारत को वैश्विक स्तर पर ब्लू इकोनॉमी के क्षेत्र में मजबूत स्थिति दिलाएगी.

Published: 23 Sep, 2025 | 07:20 PM

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