हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को फतेहाबाद का दौरा किया और फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बडोपल स्थित गौशाला में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिले की 65 गौशालाओं की प्रबंध कमेटियों को कुल 7.02 करोड़ रुपये के अनुदान चेक वितरित किए. उन्होंने घोषणा की कि बडोपल में बन रहा वाइल्डलाइफ ट्रीटमेंट सेंटर विश्नोई संत राजेंद्र नंद महाराज के नाम पर रखा जाएगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री सैनी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि सरकार गौ संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले गौ सेवा आयोग का बजट सिर्फ 2 करोड़ रुपेया था, जिसे अब बढ़ाकर 595 करोड़ रुपये कर दिया गया है. अब तक 303 गौशालाओं को सोलर प्लांट दिए जा चुके हैं और बाकी पर काम चल रहा है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि गौशालाओं की दैनिक जरूरतों के लिए जल्द ही ई-रिक्शा उपलब्ध कराए जाएंगे.
विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा
साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बडोपल गांव में विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की. इसके अलावा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर सिंह गंगवा और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने बडोपल गौशाला के लिए 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की. इस दौरान पूर्व विधायक दुराराम ने मुख्यमंत्री के सामने छह मांगें रखीं, जिनमें लड़कियों के लिए कॉलेज और एक खेल स्टेडियम प्रमुख थीं. उन्होंने भावुक होकर कहा कि मुख्यमंत्री साहिब, ये दोनों मांगें पूरी कर दें, नहीं तो मेरा रोजगार छिन जाएगा, ये गांव मेरे ससुराल का है.
17 मांगें मुख्यमंत्री को सौंपीं
मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि सभी मांगों की जांच कराई जाएगी और जो व्यावहारिक होंगी, उन्हें मंजूरी दी जाएगी. हालांकि यह फतेहाबाद में विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का पहला सार्वजनिक दौरा था, फिर भी उन्होंने क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा देखी गई. भाजपा जिला अध्यक्ष प्रवीन जौरा ने क्षेत्र से जुड़ी 17 मांगें मुख्यमंत्री को सौंपीं और दावा किया कि वाइल्डलाइफ ट्रीटमेंट सेंटर का नाम रखने का सुझाव भी उन्होंने ही दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया.
इन नेताओं ने भी रखी अपनी बात
दिलचस्प बात यह रही कि कार्यक्रम में रणबीर सिंह गंगवा, सुभाष बराला, देवेंद्र सिंह बबली और सुनीता दुग्गल जैसे कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया. मुख्यमंत्री के संबोधन से पहले केवल प्रवीन जौरा, दुराराम और मंत्री श्याम सिंह राणा ने अपनी बातें रखीं.