‘कांदा एक्सप्रेस’ ने महंगाई को किया कंट्रोल! इस तरह पूरे देश में हुई प्याज की प्रोपर सप्लाई, नहीं बढ़ीं कीमतें

सरकार ने ‘कांदा एक्सप्रेस’ के जरिए समय पर सप्लाई और बफर स्टॉक के इस्तेमाल से प्याज की मौसमी महंगाई पर काबू पाया. उत्पादन बढ़ने, रेल परिवहन और NCCF की सब्सिडी बिक्री से कीमतें घटीं और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली.

Kisan India
नोएडा | Published: 27 Dec, 2025 | 01:09 PM
Instagram

Onion Price: इस साल प्याज की कीमतों में हर साल आने वाली मौसमी तेजी को सरकार ने काफी हद तक काबू में रखा. इसके लिए महाराष्ट्र से देश के अलग-अलग खपत वाले शहरों तक प्याज को खास रेल रेक के जरिए पहुंचाया गया, जिसे ‘कांदा एक्सप्रेस’ कहा जा रहा है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का कहना है कि इस सीजन में सरकारी बफर स्टॉक से महाराष्ट्र से दक्षिण, पूर्व और उत्तर भारत के शहरों तक 85,719 टन प्याज इन विशेष रेल रेक के माध्यम से भेजा गया. यह 2024 में भेजे गए 11,798 टन की तुलना में करीब सात गुना ज्यादा है.

ऐसे एक रेल रेक में 800 से 900 टन प्याज ले जाने की क्षमता होती है, जो करीब 30 ट्रकों के बराबर है. निधि खरे के अनुसार, कुल उत्पादन का केवल लगभग 1 फीसदी ही सरकारी खरीद में आता है, लेकिन ‘कांदा एक्सप्रेस’ के जरिए सही समय पर और बड़ी मात्रा में प्याज खपत  वाले शहरों तक पहुंचाने से कई इलाकों में असर दिखा और कमजोर सीजन में बाजार स्थिर रह.

प्याज का उत्पादन बढ़कर 3.078 करोड़ टन हो गया

2024-25 के फसल वर्ष में प्याज का उत्पादन बढ़कर 3.078 करोड़ टन हो गया, जो पिछले साल की तुलना में 27 फीसदी ज्यादा है. ज्यादा उत्पादन की वजह से पिछले कुछ महीनों में कीमतों में तेज गिरावट आई है. मई 2025 से प्याज की खुदरा महंगाई  दर नकारात्मक बनी हुई है और नवंबर 2025 में कीमतें साल-दर-साल आधार पर 55.38 फीसदी तक घट गईं.

3 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के लिए खरीदा

सरकारी नोट के मुताबिक, नवंबर में आमतौर पर दिखने वाली मौसमी महंगाई इस बार समय पर रेल के जरिए सप्लाई और बफर स्टॉक के सही इस्तेमाल से काबू में रही. इस साल रेल रेक की संख्या 14 से बढ़कर 86 हो गई, जबकि सप्लाई वाले शहरों की संख्या 5 से बढ़कर 16 प्रमुख खपत केंद्रों तक पहुंच गई है. सरकारी एजेंसियों NCCF और किसान सहकारी संस्था नेफेड ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के किसानों से करीब 3 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के लिए खरीदा है. वित्त वर्ष 2024-25 में यह खरीद 4.7 लाख टन रही थी. प्याज की तेज, सस्ती और बड़े पैमाने पर आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 2024 में भारतीय रेलवे के साथ मिलकर ‘कांदा एक्सप्रेस’ की शुरुआत की, जिसके तहत पहली बार रेलवे वैगनों से बफर प्याज की ढुलाई की गई.

दिल्ली-एनसीआर में प्याज की बिक्री शुरू हुई

सितंबर से 18 दिसंबर के बीच 2 लाख टन से ज्यादा प्याज उन बड़े खपत केंद्रों और इलाकों में भेजा गया, जहां कीमतें अपेक्षाकृत ज्यादा थीं. इसी बीच, NCCF ने नेफेड के साथ कीमत स्थिरीकरण योजना के तहत खरीदे गए प्याज को दिल्ली-एनसीआर में 19 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना शुरू किया है, जो बाजार भाव 25 से 35 रुपये प्रति किलो से काफी कम है.

20 फीसदी निर्यात शुल्क हटाया गया

सरकार ने 13 सितंबर को लगाए गए 20 फीसदी निर्यात शुल्क को 1 अप्रैल 2025 से हटा दिया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया था और करीब पांच महीने तक, 8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024 तक, प्याज के निर्यात  पर प्रतिबंध भी लगाया गया था. भारत ने अप्रैल से सितंबर 2025-26 के दौरान 7.2 लाख टन प्याज का निर्यात किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 80 फीसदी ज्यादा है. वहीं 2024-25 में कुल 11.4 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था. बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और नेपाल भारत के प्रमुख प्याज निर्यात गंतव्य रहे हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

कीवी उत्पादन के मामले में देश का सबसे प्रमुख राज्य कौन सा है