आम उत्पादन के मामले में भारत दुनिया सबसे आगे है. यहां पर आम की अनेकों किस्में हैं जिनकी बागवानी की जाती है और जिन्हें लोग पसंद करते हैं. ऐसा ही एक आम है दुधिया मालदा जो कि बिहार के दुधिया में उगाया जाता है. ये एक बेहद ही खास किस्म का आम है. बिहार का मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान दीघा के दुधिया मालदा आम को बढ़ावा देने के लिए सारी कोशिशें कर रहा है. इसी कड़ी में संस्थान ने दीघा के दूधिया मालदा आम के 6 हजार पौधे तैयार किए हैं.
80 रुपये किलो में मिलेंगे पौधे
बिहार कृषि विभाग ने अपने सोशल मीडिया से जानकारी देते हुए बताया कि पटना में आम की ये किस्म बहुत कम बची है. मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान दीघा के दुधिया मालदा आम को बचाने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में इस आम की बागवानी बढ़ाने के लिए 6 हजार नए पौधे तैयार किए गए हैं. इन पौधों की बिक्री 80 रुपये किग्रा के दर से होगी . इसे किसान और आम लोग दोनो ही खरीद सकते हैं. बता दें कि इन पौधों को मालदा के पेड़ की डाली की कटिंग से तैयार किया गया है.
क्यों कहलाता है दूधिया आम
आम की इस किस्म को दुधिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके छिलके पर चूने जैसा दुधिया रंग होता है. एक समय ऐसा था जब इसके पौधे को दूध से सींचा जाता था. दूध से सिंचाई के कारण इसका रंग दुधिया हो गया . इस आम में खास खुशबू और स्वाद है. संस्थान के निदेशक डॉ विश्वनाथ दास बताते हैं कि लोग इन आमों के तैयार किए गए पौधों को खरीदकर इसे विलुप्त होने से बचा सकते हैं.
अमरूद-नींबू और लीची के पौधे भी मिलेंगे
बता दें कि आम के पौधों के साथ-साथ लोगों को अमरूद, लीची, नींबू और कटहल के भी खास किस्म के पौधे मिलेंगे. इनकी उन्नत किस्म के पौधे लोगों और किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे. इन पौधों में अमरूद की किस्म इलाहाबादी सफेदा के 1500 पौधे, एल-49 के 800 पौधे, नींबू में पूर्वी कागजी, लीची में शाही लीची के 200 पौधे, चाइना लीची के 100 पौधे और कटहल के 700 पौधे शामिल हैं. अमरूद का एक पौधा 50 रुपये का वहीं कटहल का एक पौधा 30 रुपये का मिलेगा.