ऑयल रिकवरी के लिए बेस्ट तिल की तंजीला किस्म, 91 दिनों में होती है तैयार

आईसीएआर और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने तिल की एक नई किस्म तंजीला (CUMS-09A) विकसित की है, जो कम पानी और कम देखरेख में अच्छी उपज देती है.

नोएडा | Updated On: 23 May, 2025 | 05:50 PM

खेती-किसानी में बदलाव और नई तकनीक की मदद से अब पारंपरिक फसलें भी किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. इनमें से एक है तिल की खेती. खासकर खरीफ के मौसम में कम पानी और कम देखरेख में तैयार होने वाली तिल की फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा बन सकती है. इसी को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – आईसीएआर-एआईसीआरपी ऑन ऑयलसीड्स और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने तिल की नई किस्म तंजीला (CUMS-09A) को विकसित किया है.

तंजीला किस्म की खास बातें

तिल की तंजीला किस्म एक ओपन पॉलिनेटेड वैरायटी (OPV) है, यानी इसके बीजों को किसान दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे बीज पर खर्च कम आता है. यह किस्म मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के लिए उपयुक्त मानी गई हैं.

तेल रिकवरी के लिए बेस्ट

तिल की तंजीला किस्म को ऑयल रिकवरी के मामले में बढ़िया बताया गया है. इससे 963 से 1147.7 किलो प्रति हेक्टेयर तक बीज की उपज होती है. इसके साथ ही 438.5 से 558 किलो प्रति हेक्टेयर तक तेल उत्पादन होता है.वहीं इस किस्म से 46.17 प्रतिशत तक तेल की मात्रा पाई जाती है, जो इसे अन्य किस्मों से अधिक लाभकारी बनाती है.

91 दिनों में फसल तैयार

तंजीला किस्म केवल 91 दिनों में तैयार हो जाती है, यानी किसान इसे जल्दी बोकर जल्दी काट सकते हैं और अगली फसल की तैयारी भी समय से कर सकते हैं. गर्मी के मौसम में यह फसल खासतौर पर लाभदायक है, और सिंचित खेतों के साथ-साथ देरी से बोए गए खेतों में भी अच्छी उपज देती है.

रोगों के प्रति सहनशील

किसानों की सबसे बड़ी चिंता फसल में लगने वाली बीमारियां होती हैं. लेकिन तंजीला किस्म की खेती से किसानों को इस समस्या से भी राहत मिलती है क्योंकि यह जड़ सड़न (root rot), फिलोडी (phyllody) और पाउडरी मिल्ड्यू (powdery mildew) जैसी बीमारियों के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है. खास बात ये भी है कि इसमें कोई प्रमुख कीट नहीं पाए जाते, जिससे कीटनाशक दवाओं का खर्च भी बचता है.

Published: 23 May, 2025 | 05:50 PM