देश के तटीय और पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश, दिल्ली-NCR में आज रहेंगे बादल

राजधानी दिल्ली और आसपास के नोएडा, गुरुग्राम क्षेत्रों में भी मौसम ने करवट ली है. 16 जुलाई को यहां बारिश की संभावना जताई गई है. तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने गर्मी से राहत दी है.

नई दिल्ली | Updated On: 16 Jul, 2025 | 07:38 AM

देश भर में 16 जुलाई 2025 से मानसून की रफ्तार तेज हो गई है. कई राज्यों में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है जिससे लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा और महाराष्ट्र के साथ-साथ पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में भी भारी बारिश होने की संभावना बताई गई है. इस बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और अन्य परेशानियां पैदा हो रही हैं. आइए जानते हैं देश के मुख्य प्रदेशों में मौसम का क्या हाल है और किन इलाकों में सतर्कता बरतनी जरूरी है.

उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश का प्रकोप जारी

उत्तर प्रदेश में मानसून ने जोर पकड़ लिया है. प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है, जो 21 जुलाई तक जारी रहेगा. अगले 24 घंटे में मुजफ़्फरनगर, मोरादाबाद, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर समेत कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है. बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव की समस्या भी होने लगी है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है.

बिहार में भी भारी बारिश का खतरा है. कैमूर, रोहतास, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद, अरवल जैसे जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है. तेज हवाओं और आकाशीय बिजली गिरने के कारण लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. पटना, नालंदा, जमुई समेत अन्य इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की उम्मीद है. बारिश के कारण खेतों और ग्रामीण इलाकों में फसलों को नुकसान का खतरा बना हुआ है.

पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बाढ़ और लैंडस्लाइड का खतरा

उत्तराखंड में बंगाल की खाड़ी से उठ रही नमी भारी बारिश का कारण बन रही है. देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाओं का खतरा बढ़ गया है, जिसके कारण कई इलाकों में सड़कें बंद हो गई हैं और यातायात प्रभावित हुआ है.

हिमाचल प्रदेश में भी मानसून ने कहर बरपाया है. कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुई है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. मंडी जिले में अकेले 157 सड़कें बंद कर दी गई हैं. प्रशासन ने लोगों को बचाव के उपाय अपनाने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है.

दिल्ली-एनसीआर में बारिश से राहत

राजधानी दिल्ली और आसपास के नोएडा, गुरुग्राम क्षेत्रों में भी मौसम ने करवट ली है. 16 जुलाई को यहां बारिश की संभावना जताई गई है. तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन इसके कारण सीवर और नालों में जलजमाव हो गया है. ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को घर-कार्यालय जाने में दिक्कतें हो रही हैं. दैनिक जीवन सामान्य करने के लिए अधिकारियों ने सफाई कर्मियों को विशेष निर्देश दिए हैं.

दक्षिण भारत में भी मानसूनी बारिश का दबदबा

दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल में मानसूनी बारिश का दौर शुरू हो चुका है. खासकर बेंगलुरु में पूरे हफ्ते येलो अलर्ट जारी किया गया है. पिछले 24 घंटे में शहर में हल्की बारिश दर्ज की गई है. अगले कुछ दिन तक यहां 28 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान रहने का पूर्वानुमान है. लगातार बारिश की वजह से ट्रैफिक जाम व जलजमाव की समस्या खड़ी हो सकती है.

कोंकण, गोवा और महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना

कोंकण और गोवा सहित मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र में 16, 20 और 21 जुलाई को भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है. इन इलाकों में आने वाले पांच दिनों में कई जगह हल्की से मध्यम बारिश भी जारी रहने की उम्मीद है. गोवा के बंदोली क्षेत्र में तो लगातार बादलों की चादर छाई हुई है. बारिश के बढ़ने से सड़क हादसों और जलभराव की आशंका है, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने जनता को सतर्क रहने को कहा है.

पूर्वोत्तर भारत में भी बरसात का दौर जारी

पूर्वोत्तर के असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के अधिकतर हिस्सों में भी भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. इन राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है जिससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट पर है. किसान खेतों में पानी भरने और घरों में पानी घुसने से परेशान हैं. राहत एवं बचाव कार्यों को तेज किया जा रहा है.

मानसून से जुड़े सावधानियां और सुझाव

भारत के अलग-अलग हिस्सों में मानसून के बढ़ते असर के कारण प्रशासन व मौसम विभाग की सतर्कता जरूरी हो गई है. लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे भारी बारिश के दौरान नदियों के किनारे न जाएं, पहाड़ी इलाकों में यदि संभव हो तो अल्पकाल के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहे. बारिश से जलभराव बढ़ने की वजह से ट्रैफिक जाम से बचाव के लिए नियत समय से बाहर निकलें. पुराने या कमजोर भवनों में रहने वालों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बच्चों व बुजुर्गों को भी बारिश के मौसम में अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है.

Published: 16 Jul, 2025 | 07:30 AM