11 साल में किसानों, ग्रामीणों को मोदी सरकार से क्या मिला? 2014 में आज ही ली थी शपथ

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के आज 11 साल पूरे हो गए. गुजरात में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम नोदी ने कहा कि 26 मई 2014 को आज ही के दिन मैंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 26 May, 2025 | 05:11 PM

गुजारत में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ही के दिन 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. यानी आज उनके कार्यकाल के 11 साल हो गए, क्योंकि 2014 से लगातार उनके नेतृत्व में ही केंद्र में एनडीएन की सरकार है. खास बात यह है कि इस दौरान पीएम मोदी की सरकार का सबसे ज्यादा फोकस किसानों के ऊपर रहा है. किसानों की कमाई बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गई.

इन योजना में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), प्रधानमंत्री आवास योजना (PM House) और किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट में बढ़ोतरी (KCC) प्रमुख हैं. बात अगर पीएम किसान योजना की करें तो यह एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है. केंद्र सरकार ने साल 2019 पीएम किसान योजना की शुरुआत की. इस योजना को शुरू करने का मुख्य उदेश्य सीमांत और छोटी जोत वाले किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

किसानों को साल में मिलते हैं 6000 रुपये

पीएम किसान के तहत लाभार्थी किसानों को साल में 6000 रुपये मिलते हैं. ये रुपये 2000-2000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिए जाते हैं. ये किस्तें सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाती है. अभी तक केंद्र सरकार पीएम किसान की 19 किस्तें जारी कर चुकी है. अब किसान 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. पूरे देश में पीएम किसान के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं. सरकार ने फरवरी 2025 तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है.

2016 में शुरू हुई पीएम फसल बीमा

पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016 में की.  इस योजना का मुख्य उदेश्य बेमौसम बारिश, आंधी, ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान होने पर किसानों को बीमा के रूप में आर्थिक सहायता देना है. यानी यह योजना फसल नुकसान होने पर किसानों के लिए एक व्यापक ढाल के रूप में काम करती है.

पीएम फसल बीमा के 9 साल

18 फरवरी 2025 को इस योजना के 9 साल पूरे हो गए. प्राकृतिक मार के चलते फसल बर्बाद होने पर इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है, जिन्हों बीमा करवाई हो. यह योजना किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 69,515.71 करोड़ रुपए के कुल बजट के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है.

किसान क्रेडिट कार्ड के मायने

ऐसे तो किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की शुरुआत साल 1998 में की गई, लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान इसके ऊपर सबसे ज्यादा काम हुआ. इस योजना की शुरुआत किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त और समय पर लोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है. भारत सरकार किसानों को 2 फीसदी की ब्याज छूट और 3 फीसदी का त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान करती है. इससे किसानों 4 फीसदी प्रति वर्ष की बहुत रियायती दर पर लोन मिलता है.

केसीसी की बढ़ाई लिमिट

बता दें कि आम बजट-2025 पेश करते हुए मोदी सरकार ने किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केसीसी की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी, जो पहले 3 लाख रुपये थी. यानी अब किसान केसीसी पर 5 लाख रुपये तक के लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस लोन पर ब्याज दरें भी काफी कम रहेंगी.

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Published: 26 May, 2025 | 04:21 PM

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