मोंथा मानसून के बाद भी किसानों की बल्ले-बल्ले, नवंबर में इन फसलों से कर सकते हैं तगड़ी कमाई

मोंथा मानसून के बाद किसानों के लिए नवंबर का महीना नई उम्मीदें लेकर आया है. ठंड की शुरुआत के साथ रबी सीजन की फसलें किसानों को अच्छी आमदनी का मौका दे रही हैं. इस बार खेतों में मेहनत का रंग सोने जैसा चमक सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 2 Nov, 2025 | 11:42 AM

हाल ही में आए मोंथा मानसून ने देशभर के कई इलाकों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं, जिससे मेहनत पर पानी फिर गया. लेकिन कहते हैं, किसान कभी हार नहीं मानता. अब नवंबर का महीना किसानों के लिए एक नया मौका लेकर आया है. यही वह समय है जब रबी सीजन की शुरुआत होती है और किसान ठंड के मौसम में कई ऐसी फसलें बो सकते हैं, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देती हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौसम में अगर किसान सही फसलों का चयन करें, तो वे एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसी 6 फसलें, जो नवंबर में बोई जा सकती हैं और जो सर्दी में किसानों की किस्मत चमकाने की ताकत रखती हैं.

गाजर की खेती

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गाजर सर्दी के मौसम  की सबसे लोकप्रिय और लाभदायक फसल है. इसकी खेती आसान है और इसका बाजार में हमेशा अच्छा दाम मिलता है. एक एकड़ खेत में 100 से 200 क्विंटल तक उत्पादन होता है. गाजर की औसत कीमत 10 से 15 रुपये प्रति किलो तक रहती है. यानी सिर्फ चार महीने में किसान 1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही, यह फसल कुछ समय तक स्टोर भी की जा सकती है, जिससे किसान सही समय पर बेचकर और ज्यादा फायदा उठा सकते हैं.

बैंगन की खेती

बैंगन  ऐसी सब्जी है जो ठंड से लेकर गर्मी तक लगातार उत्पादन देती है. इसकी खास बात यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक तुड़ाई की जा सकती है. प्रति एकड़ बैंगन की खेती में लगभग 35 से 50 हजार रुपये का खर्च आता है, जबकि उत्पादन 200 क्विंटल तक होता है. बाजार में बैंगन की कीमत 30 रुपये प्रति किलो के आसपास रहती है. इस हिसाब से किसान 4 लाख रुपये तक का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं.

टमाटर की खेती

टमाटर  की मांग पूरे साल बनी रहती है, इसलिए इसे किसान का भरोसेमंद साथी कहा जाता है. नवंबर में टमाटर की खेती करने से किसान को सीजन में अच्छी आमदनी मिल सकती है. एक एकड़ में टमाटर उगाने में लगभग 60 हजार रुपये का खर्च आता है और उत्पादन 250 से 300 क्विंटल तक होता है. बाजार में टमाटर की औसत कीमत 800 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल तक रहती है. इस हिसाब से किसान 1.5 से 2.5 लाख रुपये प्रति एकड़ तक कमा सकते हैं.

फ्रेंच बीन्स की खेती

फ्रेंच बीन्स सर्दी के मौसम में लगाई जाने वाली तेजी से बढ़ने वाली फसल है. इसे लगाने में खर्च कम आता है और रिटर्न काफी अच्छा मिलता है. प्रति एकड़ खेती में लगभग 40 हजार रुपये का खर्च होता है. जबकि उत्पादन 40 से 50 क्विंटल तक होता है. बाजार में इसकी कीमत 1500 रुपये से 2500 रुपये प्रति क्विंटल होती है. इस तरह किसान 1 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

लहसुन की खेती

लहसुन ऐसी फसल है जिसकी मांग कभी खत्म नहीं होती. चाहे गर्मी हो या ठंड, मसालों में लहसुन  की जरूरत हर घर में रहती है. एक एकड़ में लहसुन की खेती पर करीब 50 हजार रुपये का खर्च आता है और उत्पादन 40 से 60 क्विंटल तक होता है. बाजार में इसकी कीमत 2000 रुपये से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक रहती है. यानी किसान 1.5 लाख रुपये तक की आमदनी हासिल कर सकते हैं. साथ ही, लहसुन को लंबे समय तक भंडारण योग्य भी माना जाता है, जिससे किसानों को बाजार भाव के अनुसार बेचने का मौका मिलता है.

हल्दी की खेती

हल्दी को सोने की फसल कहा जाता है, क्योंकि इसकी मांग पूरे साल रहती है. झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में नवंबर के महीने में हल्दी की बुआई शुरू होती है. प्रति एकड़ हल्दी की खेती में 40 से 60 हजार रुपये तक का खर्च आता है. वहीं उत्पादन 80 से 100 क्विंटल प्रति एकड़ तक होता है. हल्दी की कीमत बाजार में 5000 रुयये से 7000 रुपे प्रति क्विंटल तक होती है. इस तरह किसान एक एकड़ से 3 से 5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं.

कृषि विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि मोंथा मानसून  से नुकसान झेल चुके किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. अगर वे अब इन सर्दियों की फसलों पर ध्यान दें और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करें, तो अगले कुछ महीनों में भारी मुनाफा कमा सकते हैं. इसके लिए किसान अपने स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या ब्लॉक के कृषि अधिकारी से सलाह लेकर बीज चयन और मिट्टी परीक्षण जरूर करवाएं.

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