किसानों के सामने अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर कई तरह की समस्याएं होती हैं. उन्हीं में से एक समस्या है फसलों पर कीटों का आक्रमण होना. इन कीटों से फसलों की सुरक्षा करने के लिए किसान कई तरह के तरीके अपनातें हैं. खेतों में ऐसे ट्रैप लगाते हैं जो कीटों को अपनी और आकर्षित करते हैं और फसलों को नुकसान से बचाते हैं. बता दें कि इन ट्रैप्स को आसानी से घर पर कम लागत में बनाया जा सकता है. इन्हीं ट्रैप्स में से एक है वाटर पैन ट्रैप जो कि हवा में उड़ने वाले कीटों से फसलों की सुरक्षा करता है.
क्या है वाटर पैन ट्रैप
वाटर पैन ट्रैप एक पानी से भरा हुआ रंगीन बर्तन या ट्रे होती है. जिसके रंग से कीट आकर्षित होकर पानी मे गिर जाते हैं और डूब कर मर जाते हैं . इस ट्रैप को बनाने के लिए आम तौर पर पीले या नीले रंग का बर्तन लिया जाता है क्योंकि ये दो रंग विशेष रूप से कई तरह के कीटों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ये ट्रैप खासतौर पर थ्रिप्स, सफेद मक्खी, एफिड्स, स्केराब बीटल जैसे छोटे उड़ने वाले कीटों को रोकता है.
इस विधि से तैयार करें ट्रैप
घर पर वाटर पैन ट्रैप बनाने के लिए सबसे पहले 4 से 6 इंच की गहराई वाला टब या थाली लें. बर्तन के तीन चौथाई हिस्से में पानी भरें और उसमें 1-2 बूंद डिटर्जेंट मिला लें. इसके बाद इस ट्रैप को खेत में करीब 6 से 12 मीटर की दूरी पर रखें. दिन में 1 से 2 बार कीटों की संख्या देखें ताकि जरूरी उपाय किए जा सकें.
क्या हैं इस ट्रैप के फायदे
किसानों के लिहाज से ये ट्रैप काफी किफायती है. इसे बनाने में लागत भी कम आती है और ये कीटों को पकड़ने का आसान तरीका है.साथ ही इस ट्रैप की सबसे अच्छी खासियत ये है कि इसे बनाने में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है जो कि इसे वातावरण के अनुकूल बनाता है. इसमें फंसने वाले कीटों की नगरानी कर किसान अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी फसलों को किस तरह सुरक्षित किया जाए. जैविक खेती के लिए वाटर पैन ट्रैप सबसे सही है.