सड़कों पर अन्नदाता.. 40 गांव के किसानों का 500 ट्रैक्टरों से कूच, कहा- क्षेत्र में नहीं होने देंगे बोरिंग

अलवर की सिलीसेढ़ झील व उसके आसपास के क्षेत्र में बोरिंग विवाद को लेकर किसान कई दिनों से विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण अब किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है ओर भारी संख्या में किसान सड़कों पर उतर गए हैं. 

विकास जायसवाल
अलवर | Updated On: 19 Jun, 2025 | 09:05 PM

राजस्थान के जिले अलवर में पिछले कई दिनों से किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. कारण है उनके आस-पास के इलाकों में बोरिंग का होना. दरअसल, अलवर की सिलीसेढ़ झील व उसके आसपास के क्षेत्र में बोरिंग विवाद को लेकर किसान कई दिनों से विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण अब किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है ओर भारी संख्या में किसान सड़कों पर उतर गए हैं.

बोरिंग को लेकर किसानों में गुस्सा

राजस्थान के जिले अलवर की सिलीसेढ़ झील व उसके आसपास के इलाकों में बोरिंग को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है. यहां के किसान कई दिनों से धरना दे रहे थे लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई न होने के कारण सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर पर सवार होकर जिला प्रशासन के दफ्तर पहुंच गए, जिसके बाद प्रशासन की तरफ से पूरे शहर में हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

किसानों का प्रशासन पर बड़ा आरोप

जिले के गुस्से से भरे किसानों का कहना है कि प्रशासन किसानों को आतंकवादी समझता है. प्रदर्शन करते हुए किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिलीसेढ़ व इसके आसपास के गांव में 200 फीट पर पानी है लेकिन प्रशासन 36 बोरिंग लगाकर इस पानी को शहर में सप्लाई करना चाहता है. उनका कहना है कि प्रशासन के इस कदम से यहां का जलस्तर कई हजार फुट नीचे गिर जाएगा, जिसके कारण किसानों को खेती करने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा ऐसा होने पर किसान पैदावार कैसे करेंगे, कम पानी में सब्जी और फलों की पैदावार कैसे होगी. नाराज किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि वे सिलीसेढ़ झील के इलाके में बोरिंग नहीं होने देंगे, उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर आस-पास के इलाकों में भी बोरिंग नहीं होने देंगे.

प्रशासन से बातचीत रही बेनतीजा

‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए प्रदर्शन करने वाले एक किसान प्रेम पटेल ने बताया कि वे लोग शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे लेकिन पुलिस ने बेरीकेट्स लगाकर उन्हें रोक दिया. जिसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और प्रशासन से हुई बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला. किसानों का कहना है कि बोरिंग को लेकर हो रहे इस विरोध के बारे में वे प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखेंगे और जबतक कोई ठोस जवाब नहीं मिल जाता तब तक सिलीसेढ़ तिराहे पर किसानों का धरना जारी रहेगा.

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36 बोरिंग बनाने की मिली थी स्वीकृति

बता दें कि अलवर शहर में पानी के लिए सिलीसेढ़ झील के आसपास 36 बोरिंग स्वीकृत की गई थीं. जिनके लिए प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा ने इस योजना का कुछ समय पहले ही शिलान्यास कर बजट भी जारी किया था. लेकिन बजट पास होने के बाद से ही किसानों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया था. प्रदर्शन करने वाले किसानों का कहना है कि सरकार के इस कदम से यहां के किसान बर्बाद हो जाएंगे. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं. 

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Published: 19 Jun, 2025 | 04:30 PM

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