सितंबर महीने में किसान जरूर कर लें खेती से जुड़े ये काम, बिहार सरकार की एडवाइजरी

सितंबर के महीने में मॉनसून की विदाई होने के साथ ही किसानों के सामने खरीफ फसलों की कटाई और देखभाल और रबी फसलों की खेती की तैयारी करने की चुनौती होती है. ऐसे में जरूरी है कि वे समय रहते खेती से जुड़े सभी जरूरी काम कर लें ताकि उन्हें खेती में किसी तरह की समस्या न हो.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Sep, 2025 | 04:20 PM

Farming Tips: सितंबर का महीना खेती-किसानी करने वाले किसानों के लिए बेहद ही संवेदनशील होता है. मॉनसून का विदाई के साथ-साथ इस महीने में किसान खास तौर पर खरीफ फसलों की देखभाल और रबी फसलों की तैयारी में जुट जाते हैं. नमी होने के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल में कीटों और रोगों का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही यही समय होता है जब किसान रबी फसलों के लिए अपने खेतों को तैयार करने में लग जाते हैं. इसी को देखते हुए बिहार कृषि विभाग ने सिंतबर महीने में किसानों के लिए खेती से जुड़ी एडवाइजरी जारी की है.

धान की फसल का खैरा रोग से बचाव

धान की फसल (Paddy Crop) में इस मौसम में नमी के कारण खैरा रोग का संक्रमण बढ़ जाता है और समय रहते अगर इसको नियंत्रित न किया जाए तो धान की फसल पूरी तरह चौपट हो सकती है. ऐसे में बिहार कृषि विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार (Bihar Government Advisory) , 5 किलोग्राम जिंक सल्फेट को 2.5 किलोग्राम भुने हुए चने को प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी के साथ मिलाकर फसल पर छिड़काव करें. बता दें कि, खैरा रोग से प्रकोप से धान के पौधों की पत्तियों पर पीली धारियां पड़ने लगती हैं. जिसके कारण पौधे कमजोर और बौना रह जाता है. साथ ही पैदावार भी घटती है.

गंधी कीट के लिए करें दवा का इस्तेमाल

सितंबर के महीने में ज्यादा बरसात होने के कारण किसान की खड़ी हुई धान की फसल पर गंधी कीट का खतरा बढ़ जाता है. बता दें कि,धान की फसल में गंधी कीट जिसे अंग्रेजी में Stink Bug कहा जाता है, एक ऐसा कीट है जो कि बालियों के दानों को चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाता है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो फसल की पैदावार 40 से 60 फीसदी तक घट सकती है. इस कीट से धान की फसल को बचाने के लिए मिथाइल पाराथियान 2 प्रतिशत धूल या मालाथियान 5 प्रतिशत धूल का 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें.

रबी फसलों के लिए खेत की तैयारी

सितंबर महीने के आखिरी दिनों में किसान कई तरह की रबी फसलों (Rabi Crops) की तैयारी कर सकते हैं. इन फसलों में गेहूं, चना. मटर, मसूर आदि फसलें शामिल हैं. रबी फसलों की तैयारी करने के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई कर उसमें गोबर की खाद मिला दें. साथ ही किसानों को सलाह (Agriculture News in Hindi) दी जाती है कि वे अपने खेत की मिट्टी की जांच कर जरूरत के हिसाब से जरूरी पोषक तत्व दें. बता दें कि, अगर किसान समय रहते जमीन को रबी सीजन के लिए खेतों की तैयारी कर लें तो अक्टूबर के पहले हफ्ते तक रबी फसलों की बुवाई की जा सकती है.

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Published: 19 Sep, 2025 | 04:20 PM

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