बिहार में डिजिटल हो रही खेती-किसानी, 5.5 लाख किसान करा चुके फार्मर रजिस्ट्रेशन

बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि सरकार कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के लिए किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करती है. उन्होंने बताया कि फार्मर आईडी की मदद से किसानों तक सभी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया जा रहा है.

नोएडा | Published: 17 Sep, 2025 | 07:35 PM

Bihar News: दिल्ली में आयोजित हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन रबी अभियान 2025 में बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने प्रदेश के कृषि क्षेत्र से जुड़ी उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि बिहार की 76 फीसदी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर करती है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसानों के हित और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए सरकार लगातार कोशिशें करती रहती है और किसानों के हित की सुरक्षा करना सरकार की पहली प्राथमिकता रहती है. कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के किसान भी डिजिटल क्रांति की तरफ तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं. जिसके लिए अबतक प्रदेश के 5.5 लाख किसान फार्मर आईडी (Farmer ID) के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

किसानों को मिल रही डिजिटल पहचान

कृषि सम्मेलन में चर्चा के दौरान, कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के किसान अब डिजिटल क्रांति की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि फार्मर आईडी की मदद से किसानों को डिजिटल पहचान दी जा रही है, ताकि सरकार की ओर से किसानों के हितों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ सही ढंग से किसानों तक पहुंचाया जा सके. बता दें कि, फार्मर आईडी की मदद से किसानों को सब्सिडी का फायदा भी सीधे तौर पर मिलता है. कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अबतक 5.5 लाख किसान फार्मर आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं और आगे भी प्रदेश के अन्य किसानों को इससे जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत हैं.

स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही सरकार

बिहार कृषि विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि सरकार कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के लिए किसानों को बागवानी (Horticulture) फसलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करती है. उन्होंने बताया कि किसानों की आमदनी और प्रदेश की कृषि जीडीपी को बढ़ाने का सबसे सही माध्यम बागवानी फसलों की खेती है. इसी कड़ी में सरकार की तरफ से बागवानी फसलों के तैयार होने के बाद उन्हें स्टोर करने और उनसे जुड़े स्टार्टअप और नवाचारों को सरकार बढ़ावा दे रही है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रदेश को खाद्य तेलों में भी आत्मनिर्भर बनाने में सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी जैसी तिलहनी फसलें अहम योगदान दे रही है.

बिहार कृषि के 3 मुख्य स्तंभ

दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में प्रदेश के कृषि क्षेत्र को लेकर अपने विचार साझा करते हुए कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि प्रेदश के कृषि क्षेत्र के 3 मुख्य स्तंभ हैं, जिसमें पहला फसल विविधीकरण यानी मोटे अनाज, दलहनी और तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देना. दूसरा खेती में डिजिटल और तकनीकों का इस्तेमाल यानी फसलों का डिजिटल क्रॉप सर्वे और आधुनिक कृषि उपकरणों (Agriculture News) की मदद से खेती को स्मार्ट बनाना और तीसरा स्तंभ जलवायु और पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए खेती करना.

Published: 17 Sep, 2025 | 07:35 PM

निम्नलिखित फसलों में से किस फसल की खेती के लिए सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है?

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गन्ना
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धान (चावल)
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बाजरा (मिलेट्स)
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केला
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