भारत–इथियोपिया रिश्तों में खेती बना केंद्र, पीएम मोदी के दौरे से किसानों और व्यापार को नई दिशा

इस दौरे के दौरान इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया. यह सम्मान भारत–इथियोपिया साझेदारी को मजबूत करने में पीएम मोदी के योगदान और उनके दूरदर्शी वैश्विक नेतृत्व के लिए दिया गया.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 18 Dec, 2025 | 01:07 PM

PM Modi Ethiopia visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इथियोपिया दौरा सिर्फ कूटनीतिक शिष्टाचार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने भारत–इथियोपिया साझेदारी को एक नई और व्यावहारिक दिशा दी. इस दौरे की सबसे खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री मोदी ने रणनीतिक रिश्तों के केंद्र में खेती, किसान और खाद्य सुरक्षा को रखा. इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कहा कि कृषि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसी के सहारे किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है तथा खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है.

खेती और किसानों पर रणनीतिक फोकस

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बीज विकास, सिंचाई, मोटे अनाज यानी मिलेट्स, जलवायु के अनुकूल खेती, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया दोनों कृषि प्रधान देश हैं और दोनों को जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी और किसानों की आय जैसी समान चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अनुभव और तकनीक साझा कर दोनों देश एक-दूसरे को मजबूत बना सकते हैं.

इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान

इस दौरे के दौरान इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया. यह सम्मान भारत–इथियोपिया साझेदारी को मजबूत करने में पीएम मोदी के योगदान और उनके दूरदर्शी वैश्विक नेतृत्व के लिए दिया गया. इससे दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्मजोशी देखने को मिली.

भारत–इथियोपिया व्यापार की मजबूत नींव

भारत और इथियोपिया के बीच व्यापारिक रिश्ते पहले से ही मजबूत हैं. भारत इथियोपिया के लिए एक अहम निर्यातक देश है. इथियोपिया भारत से बड़ी मात्रा में दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स खरीदता है. भारतीय जेनेरिक दवाएं, एंटीबायोटिक और वैक्सीन वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं. इसके अलावा कृषि मशीनें, औद्योगिक उपकरण, बिजली उत्पादन से जुड़ा सामान और फैक्ट्री मशीनरी भी भारत से आयात की जाती हैं.

ऑटोमोबाइल, स्टील और इंडस्ट्रियल सामान

इथियोपिया में भारतीय ऑटोमोबाइल और उनके स्पेयर पार्ट्स की भी अच्छी मांग है. कार, ट्रक, बस, ट्रैक्टर, बाइक और थ्री-व्हीलर भारत से वहां भेजे जाते हैं. इसके साथ ही स्टील शीट, पाइप, कंस्ट्रक्शन से जुड़ा सामान, केबल, ट्रांसफॉर्मर, इलेक्ट्रिक उपकरण, केमिकल्स, पेंट और प्लास्टिक से जुड़ा कच्चा माल भी भारत के प्रमुख निर्यात उत्पादों में शामिल हैं.

भारत क्या मंगाता है इथियोपिया से

यह रिश्ता दोतरफा है. भारत भी इथियोपिया से कई जरूरी कृषि और औद्योगिक उत्पाद आयात करता है. इथियोपिया से भारत बड़ी मात्रा में दालें मंगाता है, जिनमें राजमा, चना, मसूर, मूंग और मटर शामिल हैं. इसके अलावा सोयाबीन, तिल, तिलहन, फ्लैक्स यार्न, चमड़ा और चमड़े के उत्पाद, स्क्रैप कॉपर और एल्यूमिनियम भी भारत के आयात का हिस्सा हैं.

व्यापार के आंकड़े क्या कहते हैं

आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में इथियोपिया ने भारत से करीब 719 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया, जबकि भारत ने इथियोपिया से लगभग 122 मिलियन डॉलर का आयात किया. कुल मिलाकर दोनों देशों के बीच व्यापारिक मूल्य अरबों डॉलर तक पहुंच चुका है, जो लगातार बढ़ रहा है.

निवेश में भी भारत सबसे आगे

भारत इथियोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में शामिल है. भारतीय कंपनियां वहां कृषि, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, चमड़ा, धातु, कागज और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं. इन निवेशों से इथियोपिया में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिली है.

भविष्य की साझेदारी की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री अबी अहमद के बीच हुई बातचीत में खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. दोनों नेताओं ने टिकाऊ खेती, प्राकृतिक खेती और एग्री-टेक में साथ काम करने की बात कही.

हजारों साल पुराने रिश्ते

भारत और इथियोपिया के संबंध कोई नए नहीं हैं. ये रिश्ते करीब 2,000 साल पुराने हैं, जब प्राचीन व्यापार मार्गों के जरिए दोनों सभ्यताएं जुड़ी थीं. उस दौर में भारत से मसाले और रेशम जाते थे, जबकि इथियोपिया से सोना और हाथीदांत आता था. आज वही रिश्ता आधुनिक व्यापार, निवेश और कृषि सहयोग के रूप में और मजबूत हो रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दिखाता है कि भारत की विदेश नीति में अब किसान, खेती और खाद्य सुरक्षा भी उतने ही अहम हैं जितने कूटनीति और व्यापार.

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