खेत की मिट्टी हो रही कमजोर? तो किसान आजमाएं बायोचार, जानें इसे बनाने का तरीका

आज के समय में जब रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग मिट्टी की ताकत को कम कर रहा है, ऐसे में किसान फिर से प्राकृतिक तरीकों की ओर लौट रहे हैं. इन्हीं में से एक तरीका है — बायोचार, जो मिट्टी के लिए जीवन देने वाले खजाने जैसा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 25 Nov, 2025 | 11:16 AM

Biochar Benefits: खेती सिर्फ बीज बोने का काम नहीं, बल्कि मिट्टी को पोषित रखने की जिम्मेदारी भी है. आज के समय में जब रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग मिट्टी की ताकत को कम कर रहा है, ऐसे में किसान फिर से प्राकृतिक तरीकों की ओर लौट रहे हैं. इन्हीं में से एक तरीका है — बायोचार, जो मिट्टी के लिए जीवन देने वाले खजाने जैसा है. यह न सिर्फ मिट्टी को उपजाऊ बनाता है बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी बड़ी भूमिका निभाता है.

बायोचार क्या है?

बायोचार एक काला, कार्बन से भरपूर पदार्थ होता है, जिसे लकड़ी, पत्ते, फसल का बचा हुआ कचरा या गोबर जैसे जैविक पदार्थों को कम ऑक्सीजन की स्थिति में जलाकर तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया को पायरोलिसिस कहा जाता है. यह देखने में कोयले जैसा लगता है, लेकिन खेती के लिए यह सोने से कम नहीं. जब बायोचार मिट्टी में मिलाया जाता है, तो मिट्टी अधिक उपजाऊ, मुलायम और सांस लेने लायक बन जाती है.

बायोचार मिट्टी के लिए क्यों जरूरी है?

आज किसानों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि मिट्टी की पुरानी उर्वरता खत्म न हो. बायोचार इसमें मदद करता है.

  • मिट्टी को पानी रोके रखने की ताकत देता है
  • जहां सिंचाई की कमी होती है, वहां यह मिट्टी को ज्यादा देर तक नम रखता है. पौधों को सूखे से बचाने में बायोचार बेहद मददगार है.
  • पोषक तत्व मिट्टी में लंबे समय तक टिकते हैं
  • रासायनिक खाद जल्दी बह जाती है, लेकिन बायोचार उन्हें पकड़कर रखता है, जिससे पौधे लगातार पोषण पाते रहते हैं.

मिट्टी के जीवों का घर बनता है बायोचार

यह मिट्टी के भीतर रहने वाले लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ाता है, जिससे मिट्टी जीवित और स्वस्थ बनी रहती है. इतना ही नहीं कार्बन मिट्टी में बंद होकर पर्यावरण को बचाता है. इसके साथ ही यह कार्बन को हवा में जाने से रोकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम करने में भी योगदान मिलता है.

घर पर बायोचार कैसे बनाएं?

बायोचार बनाना मुश्किल नहीं. किसान घर पर ही इसे तैयार कर सकते हैं. सबसे पहले सूखी लकड़ी, फसल अवशेष या पत्ते इकट्ठे करें. इन्हें किसी धातु के ड्रम या बड़े मिट्टी के पात्र में भरें और ऊपर मिट्टी या रेती की परत डाल दें ताकि ऑक्सीजन अंदर न जा सके.

इसके बाद इस पात्र के नीचे आग लगाएं और इसे धीरे-धीरे अधजला होने दें. जब धुआं बंद हो जाए और सामग्री कोयले जैसी दिखने लगे, तो इसे ठंडा कर लें. ठंडा होने के बाद इसे छोटे टुकड़ों में तोड़कर सीधे खेत में मिलाया जा सकता है.

खेत में कैसे करें उपयोग?

बायोचार को आप:

  • बोआई से पहले खेत में मिलाएं
  • खाद या गोबर खाद के साथ मिला सकते हैं
  • क्यारियों और बगीचे में भी इस्तेमाल किया जा सकता है

यह मिट्टी की संरचना सुधारकर पानी और पोषक तत्वों का सही वितरण सुनिश्चित करता है.

वैज्ञानिकों की नजर में बायोचार

कई शोध बताते हैं कि बायोचार से:

  • मिट्टी की कार्बनिक क्षमता बढ़ती है
  • रसायनों की जरूरत कम होती है
  • मिट्टी की गुणवत्ता वर्षों तक बनी रहती है
  • पौधों की बढ़वार तेज होती है

इसी वजह से इसे सस्टेनेबल फार्मिंग यानी टिकाऊ खेती की सर्वोत्तम तकनीकों में से एक माना जा रहा है.

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