मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की खेती को और आसान के साथ फायदेमंद बनाने के लिए कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक और उन्नत कृषि उपकरण सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे किसानों की मेहनत कम होगी, खेती की लागत घटेगी और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. आधुनिक यंत्रों के उपयोग से कम समय में बेहतर काम संभव होगा. सरकार का उद्देश्य है कि किसान तकनीक से जुड़ें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें.
कई यंत्रों पर सब्सिडी का फायदा
राज्य सरकार ने न्यूमेटिक प्लांटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर के साथ-साथ बेलर, हे रेक, स्ट्रॉ रेक, स्लेशर, रिवर्सिबल प्लाऊ (मैकेनिकल और हाइड्रोलिक), जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल और पैडी ट्रांसप्लांटर (राइडिंग और वॉक बिहाइंड टाइप) यंत्रों के लिए सब्सिडी आवेदन आमंत्रित किए हैं. इन यंत्रों की मदद से किसान कम मेहनत में ज्यादा और बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. खास बात यह है कि चिन्हित जिलों में पैडी ट्रांसप्लांटर की सुविधा भी दी जा रही है.
11 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू
सरकार ने ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर 11 जून 2025 से आवेदन लेना शुरू कर दिया है. किसान पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. प्राप्त आवेदनों के आधार पर लक्ष्य निर्धारण किया जाएगा और फिर लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा. लॉटरी की सूचना बाद में पोर्टल पर प्रकाशित की जाएगी.
आवेदन के लिए जरूरी धरोहर राशि
आवेदन करते समय किसानों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से धरोहर राशि जमा करनी होगी. इस राशि के बिना आवेदन मान्य नहीं किया जाएगा. विभिन्न यंत्रों के लिए अलग-अलग धरोहर राशि तय की गई है.
- बेलर के लिए 15,000 रुपये
- हे रेक/स्ट्रॉ रेक के लिए 5,000 रुपये
- स्लेशर के लिए 2,000 रुपये
- रिवर्सिबल प्लाऊ (मैकेनिकल/हाइड्रोलिक) के लिए 3,500 रुपये
- जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल के लिए 3,000 रुपये
- पैडी ट्रांसप्लांटर (राइडिंग टाइप) के लिए 15,000 रुपये
- पैडी ट्रांसप्लांटर (वॉक बिहाइंड) के लिए 10,000 रुपये
सहायक कृषि यंत्र के नाम से बनवाएं डीडी
डिमांड ड्राफ्ट संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्र के नाम पर बनवाकर जमा करना अनिवार्य होगा. किसान आवेदन करते समय ध्यान रखें कि डीडी सही अधिकारी के नाम और तय राशि के अनुसार ही बनवाएं, ताकि उनका आवेदन खारिज न हो.
किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
इस योजना के माध्यम से किसानों को महंगे कृषि यंत्र कम कीमत में मिलेंगे. इससे ना केवल खेतों की जुताई, बोआई, सिंचाई और कटाई का काम आसान होगा बल्कि समय और लागत दोनों की बचत भी होगी. सरकार का उद्देश्य है कि किसान आधुनिक तकनीक से जुड़ें और खेती को ज्यादा लाभदायक बना सकें.