बारिश का मौसम खेती के लिए वरदान होता है, लेकिन ट्रैक्टर चलाने वाले किसान और शहरों में कार से चलने वाले लोगों के लिए यह मौसम कभी-कभी परेशानी बन सकता है. कीचड़ भरी सड़कों, फिसलन भरे मोड़ों और पानी से भरे गड्ढों में सबसे पहला असर आपके वाहन के टायर पर पड़ता है. चाहे ट्रैक्टर खेत में हो या कार हाईवे पर, अगर टायर की देखभाल सही से न हो तो हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता.
सोचिए अगर आपका ट्रैक्टर खेत में धंस गया या गाड़ी पानी में फिसल गई, तो नुकसान सिर्फ मशीन का नहीं बल्कि आपकी जान का भी हो सकता है. इसलिए हम आपके लिए लाए हैं बरसात के मौसम के लिए टॉप 5 आसान और असरदार टायर देखभाल टिप्स.
1. टायर की ग्रिप यानी ट्रीड डेप्थ को जरूर जांचें
बरसात में मिट्टी या सड़क फिसलन भरी हो जाती है. ऐसे में ट्रैक्टर हो या कार, टायर की पकड़ यानी ग्रिप का मजबूत होना जरूरी है. इसके लिए टायर के ऊपरी हिस्से की गहराई (ट्रीड डेप्थ) कम से कम 1.6 मिमी होनी चाहिए. अगर आपके टायर का ट्रीड घिस गया है, तो समय रहते टायर बदलना ही समझदारी है. खेत में धंसे ट्रैक्टर को निकालना आसान नहीं होता!
2. टायर का एयर प्रेशर बराबर रखें
अक्सर किसान खेत में काम करते वक्त ट्रैक्टर के टायर में जरूरत से ज्यादा या कम हवा रख लेते हैं, जो भारी गलती है. बरसात में टायर का सही दबाव बहुत जरूरी होता है ताकि टायर सड़क या मिट्टी पर बराबर पकड़ बना सके. ओवरइन्फ्लेटेड (बहुत ज्यादा हवा वाले) टायर फिसलने लगते हैं और अंडरइन्फ्लेटेड (कम हवा वाले) जल्दी घिसते हैं.
3. व्हील अलाइनमेंट को नजरअंदाज न करें
अगर ट्रैक्टर या कार एक तरफ खिंचने लगे, स्टीयरिंग भारी लगे या टायर का किनारा ज्यादा घिस जाए, तो समझिए व्हील अलाइनमेंट गड़बड़ है. बारिश में गड्ढों से गुजरते वक्त टायर को झटका लगता है, जिससे अलाइनमेंट बिगड़ जाता है. इससे न सिर्फ टायर घिसता है बल्कि गाड़ी का बैलेंस भी बिगड़ता है.
4. चालान से बचना है तो आदत सुधारें
बरसात में तेज ब्रेक या अचानक एक्सेलरेशन से गाड़ी फिसल सकती है. ट्रैक्टर से खेत में या शहर में गाड़ी चलाते वक्त पानी से भरे गड्ढों से बचें, ब्रेक धीरे लगाएं और स्पीड सीमित रखें. सही तरीके से चलाएंगे तो टायर भी चलेगा, और आपकी सुरक्षा भी बनी रहेगी.
5. टायर रोटेशन कराएं समय-समय पर
अगर आपके ट्रैक्टर या गाड़ी के पिछले और आगे के टायर का काम बराबर बांटा जाए तो सभी टायर समान रूप से घिसते हैं. इसके लिए टायरों की अदला-बदली यानी रोटेशन कराना जरूरी है. हर 8,000 से 10,000 किलोमीटर के बीच में यह जरूर करवाएं. इससे टायर की उम्र भी बढ़ेगी और गाड़ी की परफॉर्मेंस भी.