देश के ट्रैक्टर बाजार में इन दिनों एक नई रफ्तार देखने को मिल रही है. मार्च 2025 से लगातार ट्रैक्टर की बिक्री में इजाफा देखने को मिल रहा है. मई महीने में बिक्री और मजबूत होती दिखाई दे रही है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जून में ट्रैक्टर बिक्री 1 लाख यूनिट को पार कर सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण समय पर और सामान्य से बेहतर मानसून, जलाशयों में पर्याप्त पानी और ग्रामीण मांग में मजबूती है.
जून में नया रिकॉर्ड संभव
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन से जारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में देशभर में कुल 99,430 ट्रैक्टर बिके, जो अप्रैल के 90,280 यूनिट की तुलना में करीब 10 फीसदी ज्यादा है.
इनमें से 8,930 ट्रैक्टर का निर्यात हुआ. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो जून में बिक्री का आंकड़ा 1 लाख के पार जा सकता है. जैसा कि अक्टूबर 2024 में देखा गया था, जब रिकॉर्ड 1,51,772 ट्रैक्टर बिके थे.
समय पर मानसून, खेतों में हलचल
एस्कॉर्ट्स कुबोटा की एग्री मशीनरी डिविजन ने अपने बयान में कहा कि समय पर मानसून की शुरुआत ने किसानों में उत्साह भर दिया है. खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारियां जोरों पर हैं, और यह ट्रैक्टर मांग को बढ़ाने में मदद कर रही है.
कंपनी ने मई 2025 में 10,354 ट्रैक्टर बेचे, जो पिछले साल मई के 10,286 ट्रैक्टर के लगभग बराबर है. घरेलू बिक्री 9,703 यूनिट रही, जबकि 651 ट्रैक्टर निर्यात किए गए.
महीनेवार बिक्री आंकड़े (टोटल यूनिट – एक्सपोर्ट समेत)
महीना | कुल बिक्री (यूनिट) |
अक्टूबर 2024 | 1,51,772 |
नवंबर 2024 | 78,263 |
दिसंबर 2024 | 59,067 |
जनवरी 2025 | 69,770 |
फरवरी 2025 | 67,751 |
मार्च 2025 | 90,679 |
अप्रैल 2025 | 90,280 |
मई 2025 | 99,430 |
महिंद्रा की बिक्री में शानदार उछाल
महिंद्रा एंड महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने मई 2025 में 38,914 ट्रैक्टर घरेलू बाजार में बेचे, जो पिछले साल इसी महीने के 35,237 यूनिट से ज्यादा है. कंपनी ने 1,729 ट्रैक्टर का निर्यात भी किया. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसर महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस के अध्यक्ष वी. नाकरा ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की जल्द शुरुआत और अच्छी बारिश से खरीफ बुवाई को गति मिलेगी. साथ ही धान और अन्य फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने के फैसले से किसानों को राहत मिली है.
किसानों की जेब में आई राहतक्रिसिल और मोती
मोतीलाल ओसवाल जैसी एजेंसियों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में ग्रामीण मजदूरी में सुधार और महंगाई दर में गिरावट से किसानों की खरीदने की शक्ति में इजाफा हुआ है. इसी वजह से ट्रैक्टर जैसे कृषि उपकरणों की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है.