Model Village Bhartaul Bareilly: गांव को लोग चाह लें तो किसी भी गांव को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा सकता है और हर सुविधा उपलब्ध हो सकती है. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का भरतौल गांव देशभर के लिए नजीर बन गया है. कहने के लिए यह गांव है लेकिन यहां शहर जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. गांववालों की लगन और प्रशासनिक मदद से हर घर स्वच्छ पानी के लिए आरओ फिल्टर की सुविधा है. बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज और मुफ्त कंप्यूटर की पढ़ाई के साथ लर्निंग सेंटर भी है. गांव की खूबियों और सुविधाओं के चलते ग्राम पंचायत को दो पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
भरतौल के लोगों ने बदल दी गांव की तस्वीर
बरेली जिले का एक ऐसा गांव जहां पहुंचकर आपको यह एहसास होगा जैसे आप शहर की किसी पूर्ण विकसित कॉलोनी में मौजूद हैं, वह है ग्राम पंचायत भरतौल. प्रसार भारती के अनुसार ब्लॉक बिथरी के अंतर्गत आने वाले इस गांव में पहले कूड़े और अव्यवस्थाएं थीं. लेकिन 2007 में इसे निर्मल ग्राम पंचायत के रूप में चयनित किया गया और तभी से इस गांव की तस्वीर बदलनी शुरू हुई. अब यहां साफ-सुथरी सड़कें, पानी का व्यवस्थित निकास और एक आलीशान पंचायत घर है जो इसे अन्य ग्राम पंचायतों से अलग बनाता है.
गांव में लर्निंग सेंटर और स्मार्ट स्कूल, जहां एडमिशन के लिए लगती है लाइन
ग्राम प्रधान प्रवेश कुमारी ने कहा कि गांव में एक पंचायत लर्निंग सेंटर भी है, जहां कंप्यूटर चलाने में रुचि रखने वाले बच्चों को सीखने का अवसर मिलता है. इसके साथ ही पंचायत घर में एक लाइब्रेरी भी है, जहां बच्चे अपने विषयों की किताबें खोजते हैं और अध्ययन करते हैं. इस गांव के विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सरकारी स्कूल, प्राइमरी मॉडल विद्यालय भरतौल का है, जहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है. इस विद्यालय में सभी कक्षाओं में स्मार्ट टीवी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बच्चों को स्मार्ट तरीके से पढ़ने का मौका मिलता है. यहां दाखिले के समय अभिभावकों की लंबी कतार होती है.
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भरतौल ग्राम पंचायत को मिले पुरस्कार.
प्रदेश का पहला अन्नपूर्णा स्टोर खोला, मॉडल गांव का दर्जा मिला
मुख्य विकास अधिकारी देवयानी ने कहा कि इस वर्ष गांव को बाल हितैषी ग्राम पंचायत का पुरस्कार भी मिला. इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने भरतौल को प्रदेश का पहला मॉडल गांव का खिताब भी दिया है. इसी गांव में प्रदेश का पहला अन्नपूर्णा स्टोर खोला गया है, जहां राशन का वितरण सुनिश्चित किया जाता है. गांव में हर जगह आरओ पानी की व्यवस्था भी की गई है. यह गांव अपनी खुद की आय के साधन भी विकसित कर रहा है.

भरतौल गांव के लोग और लाइब्रेरी में पढ़ाई करते बच्चे.
हर महीने 3 लाख रुपये जुटाते हैं गांववाले
गांव के निवासी जमना प्रसाद, बुद्ध सेन, विनोद डंगरा समेत अन्य गांवों वालों ने बताया कि यहां हर घर से कूड़ा कलेक्शन किया जाता है और इसके लिए प्रत्येक घर से एक छोटी सी राशि ली जाती है. इस तरह से गांव को हर माह तीन लाख रुपये की आय होती है, जो इसे अन्य गांवों से अलग बनाता है. इस राशि को सभी सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने में खर्च किया जाता है.