Onion Price Fall: प्याज की गिरती कीमतों और खरीदी में अनियमितताओं को लेकर किसानों में बढ़ती नाराजगी के बीच, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मामले में हस्तक्षेप किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता बावनकुले ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल से इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की. यह कदम तब उठाया गया जब पूर्व विधायक और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने अमरावती में भूख हड़ताल शुरू की. वे प्याज के लिए 24 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम मूल्य तय करने और बिचौलियों की भूमिका खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
इसके बाद इस हफ्ते विधान भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें मंत्री जयकुमार रावल (मार्केटिंग), माणिकराव कोकाटे (कृषि) और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में खरीदी प्रणाली को सुधारने पर चर्चा हुई ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके. बावनकुले ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को घाटे में प्याज बेचने से रोकना है. हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक ऐसी पारदर्शी और प्रभावी व्यवस्था बना रहे हैं जिससे किसानों से सीधी खरीदी हो और वे बिचौलियों पर निर्भर न रहें.
खरीदी व्यवस्था पर चुनिंदा लोगों का कब्जा
मार्केटिंग मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि मौजूदा खरीदी व्यवस्था कुछ चुनिंदा लोगों और बिचौलियों के कब्जे में है, जो बीच में फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खरीदी और निर्यात का आपस में कोई संबंध नहीं है. सिस्टम को सही करना जरूरी है ताकि फायदा किसानों को मिले, न कि बिचौलियों को. रावल ने सभी अपारदर्शी खरीदी केंद्रों को बंद करने का सुझाव भी दिया. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने भी इस बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सारी सरकारी खरीदी APMC के माध्यम से ही होनी चाहिए. यही तरीका है जिससे खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी, सही दाम वाली और व्यवस्थित हो सकती है.
24 रुपये किलो का न्यूनतम भाव की मांग
भूख हड़ताल खत्म करने वाले बच्चू कडू ने दोबारा मांग की कि केंद्र की NCCF और NAFED जैसी एजेंसियां प्याज की खरीदी सीधे किसानों या बाजारों से करें, न कि एजेंटों के जरिए. उन्होंने कहा कि प्याज का 24 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम भाव तुरंत तय किया जाए और APMC के बाहर से खरीदी पर रोक लगे. पिछली खरीदी में देरी और गोदामों में खराब स्टोरेज के कारण हजारों टन प्याज सड़ गया था. किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो इस बार भी वही हालात दोहराए जा सकते हैं.