खेत में काम करते समय महिला मजदूर को मिला 15 कैरेट का हीरा, कीमत जान उड़ जाएंगे होश

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक महिला को खेत में काम करते वक्त 15 कैरेट का हीरा मिला. हालांकि, हर साल मॉनसून में कृष्णा नदी के किनारे हीरे मिलने की घटनाएं सामने आती हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Jul, 2025 | 04:32 PM

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिला स्थित पेंडेगल्लू गांव में एक महिला मजदूर की किस्मत उस वक्त चमक उठी, जब उसे खेत में काम करते समय अचानक 15 कैरेट का हीरा मिला. यह घटना इसी हफ्ते की है. एक स्थानीय व्यापारी ने उस हीरे के बदले महिला को 10 लाख रुपये देने की पेशकश की, लेकिन उसने मना कर दिया. महिला को उम्मीद है कि उसे इससे भी ज्यादा कीमत मिल सकती है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल मॉनसून के दौरान कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियों, खासकर संगम क्षेत्रों में हीरे या अन्य कीमती पत्थर मिलने की घटनाएं होती रहती हैं. ऐतिहासिक रूप से, कृष्णा और कुछ हद तक पेनना नदी के किनारे उच्च गुणवत्ता के हीरे पाए जाते रहे हैं, जिन्हें गोलकोंडा डायमंड कहा जाता है. क्योंकि यह क्षेत्र कभी कुतुब शाही शासकों के गोलकोंडा राज्य के अधीन था. ऐसा माना जाता है कि मशहूर कोहिनूर हीरा भी विजयवाड़ा के पास परिताला क्षेत्र में कृष्णा नदी से निकाला गया था. हर साल मॉनसून के समय कुरनूल जिले के कई शांत और दूरदराज़ गांवों में लोग हीरा खोजने की उम्मीद में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.

मॉनसून आते ही हीरा खोजने का सिलसिला शुरू

जैसे ही प्री-मॉनसून की बारिश शुरू होती है, हीरा खोजने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है, जो धीरे-धीरे सीजन के साथ कम हो जाता है. किस्मत वाले लोगों को कुछ कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर मिल जाते हैं, जबकि कभी-कभी किसी को असली हीरा भी हाथ लग जाता है. सिर्फ कुरनूल ही नहीं, बल्कि अनंतपुर से भी लोग अपनी किस्मत आजमाने आते हैं.

दूर-दूर से हीरा खोजने आते हैं लोग

तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी कई लोग कुरनूल जिले के जोन्नगिरी, तुग्गली, मड्डिकेरा, पगिद्रायी और महाानंदी जैसे गांवों में पहुंचते हैं. बारिश जब सूखी जमीन की ऊपरी परत को धो देती है, तो कुछ जगहों पर चमत्कारी रूप से हीरे जमीन से बाहर आ जाते हैं. जोन्नगिरी गांव के किसान रंगन्ना ने कहा कि जब अचानक अलग-अलग जगहों से लोग हीरा खोजने गांव पहुंचते हैं, तो वे हमारे खेतों में आकर खेती में बाधा डालते हैं. इसलिए कई किसानों ने अपने खेतों पर बोर्ड लगा दिए हैं कि बाहरी लोग अंदर न आएं.

2 करोड़ रुपये तक के हीरे मिल चुके हैं

स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले भी कुछ लोगों को 20 लाख से 2 करोड़ रुपये तक के हीरे मिल चुके हैं. इस साल भी बारिश के बाद एक महिला और एक पुरुष को छोटे-छोटे तीन हीरे मिले, जिससे उन्हें करीब 20 लाख रुपये तक मिले. हर साल मड्डिकेरा, तुग्गली, जोन्नगिरी और महाानंदी जैसे गांवों में कुछ लोगों को 3-4 करोड़ रुपये तक के हीरे भी मिल जाते हैं. मॉनसून के दौरान कई हीरा और सोने के व्यापारी भी इन गांवों में डेरा डालते हैं, ताकि स्थानीय लोगों से सीधे हीरे खरीद सकें.

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Published: 6 Jul, 2025 | 04:25 PM

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