रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है और इससे पहले केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए नए बीजों और खाद की उपलब्धता पर जोर दे रही हैं. इसी कड़ी में अब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 15 और 16 सितंबर को पूसा, नई दिल्ली स्थित भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- रबी अभियान 2025 का आयोजन किया जा रहा है. इस दो दिवसीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य देशभर के कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, नीति-निर्धारकों और राज्य सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को एक ही मंच पर लाना है जहां ये सब रबी सीजन की बुवाई से जुड़ी तैयारियों और रणनीतियों पर गहन चर्चा की जाएगी.
कृषि से जुड़ी चुनौतियों पर होगी चर्चा
दिल्ली में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाले दो दिवसीय कृषि सम्मेलन के पहले दिन यानी 15 सितंबर को अलग-अलग राज्यों के कृषि मंत्री, सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण), सचिव (डीएआरई) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) सहित अन्य मंत्रालयों एवं विभागों तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा देश में खेती से संबंधित चुनौतियों और किसानों को रबी मौसम की खेती करने पर लाभ पहुंचाने पर चर्चा की जाएगी. इस दौरान किसानों के हितों और उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत और सशक्त बनाने के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.
किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने पर जोर
कृषि सम्मेलन के दूसरे दिन यानी 16 सितंबर को सभी राज्यों के कृषि मंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य मंत्री इस बात पर चर्चा करेंगे कि नई तकनीकों और बीजों को किस तरह किसानों तक पहुंचाया जाए. इस विषय पर सभी मंत्री समीक्षा करेंगे. बता दें कि, इस सम्मेलन में सभी बड़े पदाधिकारी अपनी टीम के साथ हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन की खास बात ये है कि पहली बार इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया गया है जो कि एक दूसरे के साथ अपने अनुभाव साझा करेंगे और किसानों के लिए खेती को किस तरह से लाभकारी बनाया जाए, इस पर चर्चा करेंगे.
टिकाऊ खेती की ओर अहम कदम
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस सम्मेलन से न केवल रबी सीजन 2025-26 में उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनाने की दिशा में काम हो सकेगा, बल्कि किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ टिकाऊ खेती और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. इसकी मदद से न केवल देश के कृषि क्षेत्र का विस्तार करने में मदद मिलेगी बल्कि किसानों का भी बेहतर विकास हो सकेगा.