India Reservoirs 2025: देश के किसानों के लिए इस बार का मानसून बड़ी राहत लेकर आया है. भारतीय जल आयोग (CWC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 161 बड़े जलाशयों में पानी का स्तर लगभग 90 फीसदी क्षमता तक पहुंच गया है. इनमें से करीब 20 फीसदी बांध पूरी तरह भर चुके हैं, जबकि 32 फीसदी बांधों में 90 फीसदी से ज्यादा पानी है. यह स्थिति रबी फसल की बुआई के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है.
मानसून ने भरा बांधों का खजाना
इस साल 18 सितंबर तक देश में मानसून सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा बरसा है. उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में तो क्रमशः 32 फीसदी और 11 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. इससे नदियों और जलाशयों में पानी भर गया. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और झारखंड के कई प्रमुख बांध पूरे भर गए हैं. महाराष्ट्र में 12, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में 4-4, राजस्थान और झारखंड में 3-3, गुजरात में 2, जबकि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और गोवा के एक-एक बांध पूरी तरह से लबालब हो गए हैं.
पांचों क्षेत्रों में रिकॉर्ड स्टोरेज
देश के पांचों जल क्षेत्रों में से तीन क्षेत्रों में लगातार दूसरे हफ्ते 90 फीसदी से अधिक जलभराव दर्ज किया गया है.
उत्तरी क्षेत्र: पंजाब, राजस्थान और हिमाचल के 11 जलाशयों में पानी की स्थिति सबसे बेहतर रही, जहां 94 फीसदी क्षमता तक पानी पहुंच गया है.
पश्चिमी क्षेत्र: गुजरात और महाराष्ट्र के 50 बांधों में औसतन 94 फीसदी पानी है. महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 97 फीसदी तक जा पहुंचा है.
केंद्रीय क्षेत्र: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 28 जलाशयों में 91 फीसदी पानी है, जिसमें एमपी के बांध 94 फीसदी तक भरे हुए हैं.
दक्षिणी क्षेत्र: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के 45 बांधों में औसतन 89 फीसदी पानी है. तमिलनाडु के बांध 94.5 फीसदी तक भरे हैं.
पूर्वी क्षेत्र: यहां 27 जलाशयों में औसतन 78.5 फीसदी पानी है. मेघालय में 95 फीसदी और ओडिशा में 82 फीसदी स्टोरेज दर्ज किया गया है.
किसानों के लिए वरदान
जलाशयों में यह भरपूर स्टोरेज रबी सीजन की खेती के लिए बेहद अहम है. पर्याप्त पानी होने से सिंचाई आसान होगी और किसानों को गेहूं, सरसों, चना और अन्य रबी फसलों की बुआई में फायदा मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा जलस्तर से आने वाले महीनों में खाद्य उत्पादन बढ़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
आगे और बढ़ सकता है जलस्तर
हालांकि सितंबर के अंत में मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है, लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी भी बारिश हो रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में जलाशयों का स्तर और बढ़ने की संभावना है, जो खेती और पीने के पानी की जरूरतों के लिए और ज्यादा सहायक साबित होगा.