हरियाणा में खुलेंगी प्राकृतिक मंडियां..केवल जैविक अनाज और फल-सब्जियों की होगी बिक्री, ऐसे तय होगा रेट

हरियाणा में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम व हिसार में मंडियां खुलेंगी. किसानों को ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए सब्सिडी मिलेगी. ट्रेनिंग सेंटर्स और मुफ्त लैब जांच की सुविधा भी मिलेगी.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 09:33 AM

हरियाणा में प्राकृतिक खेती को तेजी से प्रोत्साहित किया जा रहा है. अब प्राकृतिक और जैविक कृषि उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए प्रदेश में मंडियां खोली जाएंगी. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहलें शुरू करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि गुरुग्राम- हिसार में प्राकृतिक और जैविक मंडियां खोली जाएंगी, ताकि किसान अपनी उपज  को असानी से बेच सकें. सीएम सैनी ने कहा है कि इन मंडियों के खुलने से किसानों का सीधा फायदा होगा. उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी.

विश्व पर्यावरण दिवस पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में आयोजित नेचुरल फार्मिंग कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती आज के पर्यावरण और सेहत से जुड़ी समस्याओं का टिकाऊ समाधान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम की मंडी में प्राकृतिक तरीके से उगाए गए अनाज और दालों की बिक्री होगी, जबकि हिसार की मंडी फलों और सब्जियों पर केंद्रित होगी. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के अंतर्गत एक समिति बनाई जाएगी, जो प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों के लिए उचित मूल्य तय करेगी.

ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए 20 हजार की सहायता

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को सरकार की तरफ से हर किसान को ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए 20,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही किसानों के उत्पादों की मुफ्त लैब जांच की सुविधा भी दी जाएगी.

भूमिहीन किसानों को मिलेगी जमीन

उन्होंने यह भी कहा कि हर गांव में कम से कम एक एकड़ पंचायत जमीन प्राकृतिक खेती करने वाले भूमिहीन किसानों के लिए आरक्षित की जाएगी. जो किसान पंचायत या सरकारी जमीन पर खेती करेंगे, उन्हें कच्चा माल रखने के लिए ड्रम खरीदने के लिए 3,000 रुपये और देसी गाय खरीदने के लिए 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.

35,000 किसानों ने 720 सेमिनार में लिया हिस्सा

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि कैथल जिले के पुंडरी ब्लॉक में कृषि विभाग की 53 एकड़ जमीन प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को नीलामी के जरिए लीज पर दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए कुरुक्षेत्र, जींद, सिरसा और करनाल में ट्रेनिंग सेंटर्स बनाए गए हैं. इसके अलावा एक विशेष पोर्टल भी शुरू किया गया है.  उन्होंने बताया कि साल 2022 से अब तक 35,000 से ज्यादा किसान 720 सेमिनार और 22 वर्कशॉप में हिस्सा ले चुके हैं.

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Published: 6 Jun, 2025 | 08:19 AM

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