कृषि और उद्योग को नई उड़ान: यमुना सिटी में बनेगा 4500 करोड़ का आधुनिक ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब

एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड, जो 2019 में भारतीय कंपनी एस्कॉर्ट्स और जापान की कुबोटा कॉर्पोरेशन के साझेदारी से बनी, इसका लक्ष्य हमेशा तकनीक-प्रधान और टिकाऊ कृषि मशीनरी तैयार करना रहा है. अब यमुना सिटी में बनने वाला यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट भारत को कृषि उपकरण उत्पादन में वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 19 Aug, 2025 | 09:16 AM

उत्तर प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर अब बदलने जा रही है. यमुना सिटी, जिसे अब तक केवल एक इंडस्ट्रियल बेल्ट के तौर पर देखा जाता था, आने वाले समय में उत्तर भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बनने की राह पर है. सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड को सेक्टर-10 में 190 एकड़ जमीन आवंटित की. इस जमीन पर कंपनी 4500 करोड़ रुपये के निवेश से अत्याधुनिक ट्रैक्टर और कृषि उपकरण बनाने का विशाल प्लांट स्थापित करेगी.

यह निवेश केवल एक उद्योग की शुरुआत नहीं, बल्कि हजारों परिवारों के लिए रोजगार और बेहतर भविष्य की नई किरण है. परियोजना से लगभग 4000 युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से आसपास के क्षेत्र में हजारों नए अवसर पैदा होंगे.

किसानों और उद्योगों के लिए नई उम्मीद

एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड, जो 2019 में भारतीय कंपनी एस्कॉर्ट्स और जापान की कुबोटा कॉर्पोरेशन के साझेदारी से बनी, इसका लक्ष्य हमेशा तकनीक-प्रधान और टिकाऊ कृषि मशीनरी तैयार करना रहा है. अब यमुना सिटी में बनने वाला यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट भारत को कृषि उपकरण उत्पादन में वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएगा.

इस संयंत्र से देशभर के किसानों को आधुनिक तकनीक वाले ट्रैक्टर और इंजन उपलब्ध होंगे. इससे खेती आसान, तेज और अधिक उत्पादक बनेगी. कंपनी की योजना घरेलू जरूरतों के साथ-साथ विदेशों में भी भारत निर्मित उपकरणों की आपूर्ति करने की है.

YEIDA का विश्वास और निवेशकों का भरोसा

मीडिया रिपोर्टस् के अनुसार, इस मौके पर YEIDA के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने कहा, यह प्रोजेक्ट केवल एक औद्योगिक इकाई नहीं है, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका और क्षेत्र की समृद्धि की नई शुरुआत है. हमारी प्राथमिकता निवेशकों को सुरक्षित और पारदर्शी माहौल देना है. यही वजह है कि आज यमुना सिटी बड़े निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है.”

चरणबद्ध तरीके से होगा विकास

  • पहले चरण में 2000 करोड़ रुपये का निवेश कर ट्रैक्टर प्लांट और वाणिज्यिक उपकरण संयंत्र की नींव रखी जाएगी.
  • इसके बाद उत्पादन क्षमता को और बढ़ाया जाएगा और अनुसंधान एवं विकास (R&D) केंद्र भी यहीं से संचालित होगा.
  • इस तरह यह प्रोजेक्टकेवल उत्पादन का केंद्र बनेगा, बल्कि भारत को औद्योगिक रिसर्च और टेक्नोलॉजी में भी आगे ले जाएगा.

यमुना सिटी का बदलता चेहरा

इस निवेश से यमुना एक्सप्रेसवे का पूरा औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा. स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, आसपास के इलाकों में आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार की नई संभावनाएं खुलेंगी. यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा.

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