IFFCO News: दिवाली के मौके पर कर्मचारियों को सैलरी हाइक देने के बाद IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघाणी ने अब अपने नेतृत्व वाले एक और संस्थान नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (NCUI) के लिए भी बड़े फैसले लिए हैं. उन्होंने IFFCO से NCUI हॉस्टल के एक फ्लोर के लीज के बदले 15 करोड़ रुपये की राशि दिलवाई और NCUI के चार कर्मचारियों की प्रमोशन को मंजूरी दी. इसके साथ ही उन्होंने लंबे समय से लंबित डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (DPC) प्रक्रिया को जल्द लागू करने का भरोसा भी दिलाया.
IFFCO की बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करने के बाद संघाणी ने NCUI हाट में आयोजित दिवाली मेले में भाग लिया और वहां कई अहम प्रशासनिक व वित्तीय फैसले लिए, जिनका मकसद NCUI को मजबूत करना और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाना है. IFFCO ने NCUI के नए बने हॉस्टल की एक पूरी मंजिल लीज पर लेने के लिए 15 करोड़ रुपये का चेक जारी किया है. यह फैसला NCUI की आर्थिक तंगी को दूर करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, खासकर तब जब सहकारिता मंत्रालय की ओर से सहयोग में कमी आई है.
NCCF भी एक फ्लोर लीज पर ले सकता है
सात मंजिला यह नया हॉस्टल लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें बड़े हॉल, डॉर्मिट्री और हर फ्लोर पर करीब 16 कमरे होंगे. सूत्रों के अनुसार, NCCF भी एक फ्लोर लीज पर ले सकता है. इससे NCUI को स्थायी आमदनी का एक मजबूत जरिया मिलेगा. वहीं, दिलीप संघाणी ने मानव संसाधन से जुड़ी पुरानी समस्याओं को भी संबोधित करते हुए चार कर्मचारियों अभय कुमार सिंह, नीतू लांबा, अमिता कुमारी और दुर्गा प्रसाद के प्रमोशन की घोषणा की. यह कदम DPC (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) प्रक्रिया को लागू करने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है.
और कर्मचारियों को मिल सकता है प्रमोशन
NCUI के सीईओ सुधीर सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने यह प्रमोशन मंजूर किए. पूरी DPC प्रक्रिया लागू होने के बाद करीब 28 स्टाफ को लाभ मिलने की उम्मीद है. वहीं, दिलीप संघाणी ने भरोसा दिलाया कि जिन कर्मचारियों के प्रमोशन लंबित हैं, उन्हें बिना देरी के पूरा किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि IFFCO और NCUI के बीच तालमेल से दोनों संस्थानों को फायदा होता रहेगा. 15 करोड़ रुपये की लीज डील से जहां NCUI की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, वहीं IFFCO को अपने बोर्ड मेंबर्स और मेहमानों के लिए बेहतर ठहरने की सुविधा मिलेगी. संघाणी ने कहा कि पहले IFFCO को पुराने हॉस्टल में सिर्फ दो कमरे ही मिलते थे, जिससे मीटिंग और इवेंट के समय असुविधा होती थी. अब नए इंतजाम से यह समस्या हल हो जाएगी. लगातार लिए जा रहे फैसलों से एक बार फिर दिलीप संघाणी की सक्रिय और नतीजे देने वाली नेतृत्व शैली साफ दिखती है, जहां शीर्ष सहकारी संस्थानों के बीच तालमेल से कर्मचारियों और संस्थाओं दोनों को ठोस लाभ मिल रहा है.