अब किरायेदार किसानों को भी मिलेगा MSP और फसल बीमा का हक, केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान

ये फैसला उन लाखों किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो अब तक जमीन का मालिक न होने की वजह से कई अहम योजनाओं से वंचित रह जाते थे. लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस बारे में जानकारी दी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 30 Jul, 2025 | 10:25 AM

अगर आप किसी और की जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं, तो आपके लिए राहत की बड़ी खबर है. केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि अब ऐसे किसान भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ ले सकेंगे, बशर्ते उनके पास जमीन मालिक की लिखित मंजूरी हो.

ये फैसला उन लाखों किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो अब तक जमीन का मालिक न होने की वजह से कई अहम योजनाओं से वंचित रह जाते थे. लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस बारे में जानकारी दी.

क्या कहा कृषि मंत्री ने?

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि अब टेनेन्ट किसान यानी किराए पर जमीन लेकर खेती करने वाले भी MSP और बीमा जैसी योजनाओं के पात्र होंगे. लेकिन इसके लिए जमीन मालिक को उन्हें अधिकार देना होगा, यानी एक लिखित अनुमति देनी होगी.

साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि MSP पर फसल खरीद के लिए संबंधित राज्य सरकार की मंजूरी भी जरूरी होगी. यह केंद्र और राज्य दोनों के बीच समन्वय से लागू किया जाएगा.

पहले क्यों नहीं मिलता था लाभ?

बहुत से किरायेदार किसान सिर्फ मौखिक सहमति से जमीन लेकर खेती करते हैं. इस प्रक्रिया में कोई कागजी सबूत नहीं होता, जिससे वे सरकारी योजनाओं में पात्र नहीं माने जाते. उन्हें बीमा नहीं मिल पाता, क्योंकि जमीन मालिक का नाम ही होता है. साथ ही MSP पर फसल बेचने में दिक्कत होती, क्योंकि किसान की पहचान जमीन से नहीं जुड़ती.

क्या कहती है रिपोर्ट?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2018–19 में ग्रामीण भारत में लगभग 17.3 फीसदी खेतिहर जमीनें किराए पर दी गई थीं. यानी देश में हर छठा किसान किराए की जमीन पर खेती करता है. इसके बावजूद, उन्हें कृषि योजनाओं में “किरायेदार किसान” के रूप में कोई ठोस पहचान नहीं मिलती थी.

अब तस्वीर बदल रही है

किसानों की दशा बदलने की दिशा में अब सकारात्मक संकेत दिखने लगे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि बीते कुछ महीनों में 6.5 लाख से अधिक किरायेदार किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिला है. यही नहीं, 42 लाख से ज्यादा साझेदार किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसलें बेची हैं.

सरकार की मंशा है कि अब ये किसान एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) से भी जुड़ सकें, ताकि उन्हें बेहतर बाजार, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की सुविधा मिल सके. मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सब्सिडी पर उर्वरक मिला है, बीमा दावों का समय पर निपटारा हुआ है और MSP पर ऐतिहासिक स्तर पर खरीद हुई है.

किसानों के लिए क्या करना जरूरी?

अगर आप किरायेदार किसान हैं, तो इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि:

  • जमीन मालिक से लिखित अधिकार पत्र लें.
  • स्थानीय कृषि विभाग में उस पत्र को रजिस्टर कराएं.
  • राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.

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