केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 अक्टूबर को कर्नाटक के बल्लारी में कर्नाटक ग्रामीण बैंक (KaGB) की कामकाज की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने KaGB को खेतों में सीधे पहुंच वाले कृषि कर्ज में अपना योगदान बढ़ाने की सलाह दी. खासतौर पर उन क्षेत्रों में जो तेजी से उभर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित विभागों को क्षेत्र में कृषि से जुड़े अन्य कई कामों की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने को निर्देश दिए. खास बात यह है कि KaGB और केनरा बैंक को राज्य सरकार के साथ मिलकर एमएसएमई और एग्री-एलाइड सेक्टर में कर्ज वितरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए है.
बैठक में वित्त मंत्री ने बैंक की कर्ज वितरण, एनपीए (फंसे हुए कर्ज), वित्तीय समावेशन और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन जैसे अहम पहलुओं की समीक्षा की. इस बैठक में वित्त सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजु, नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी, केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में सुधार से ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ी है, जिससे वहां नई आर्थिक संभावनाएं बनी हैं और बैंकों द्वारा ज्यादा फंडिंग की जा रही है. उन्होंने ग्रामीण बैंकों से इस मौके का फायदा उठाकर गांवों और कस्बों में लोगों को जरूरी कर्ज मुहैया कराने की अपील की.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की पूंजी जरूरतें विकास वित्तीय संस्थाएं और सरकारी विभाग पूरी कर रहे हैं, लेकिन उनकी कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) की जरूरत बैंकों को पूरी करनी चाहिए. उन्होंने ग्रामीण बैंकों से कहा कि वे FPOs की जरूरतों और सुविधा के हिसाब से अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को अपडेट करें. इससे बैंक और FPOs दोनों को फायदा होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का टिकाऊ विकास संभव हो सकेगा.
वित्तीय स्थिति बेहतर होगी
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अब कई कंपनियां अपने डाटा सेंटर जैसी सेवाएं टियर-1 शहरों से टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर शिफ्ट कर रही हैं. ऐसे में ग्रामीण बैंकों को इन नए क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर हो सके. उन्होंने KaGB से कहा कि वह अपने बैंकिंग कार्यों पर ध्यान केंद्रित करे, मुनाफा बढ़ाए और तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (stressed assets) की चुनौतियों को दूर करे.
जहां बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं…
इसके अलावा, मंत्री ने KaGB और इसकी प्रायोजक बैंक से कहा कि वे पंचायत और जिला स्तर की समितियों के साथ मिलकर पीएम-विश्वकर्मा और पीएम-एफएमई जैसी सरकारी योजनाओं के तहत आने वाले आवेदनों की जांच प्रक्रिया को और बेहतर बनाएं. अंत में उन्होंने KaGB को सलाह दी कि वह कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाए और उन जगहों पर नई शाखाएं खोले जहां बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही, बैंक को अपनी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता सुधारने, नई तकनीक अपनाने और ग्राहक सेवा बेहतर करने पर भी जोर देने को कहा गया.