मॉनसून सीजन की शुरुआत होते ही किसान दलहनी फसलों की खेती की शुरुआत कर देते हैं, जिनसे उन्हें अच्छी उपज और आमदनी मिलती है. दलहनी फसलों में सबसे प्रमुख फसल अरहर की होती है, जिसे तुअर (Red Gram) भी कहा जाता है. बाजार में अरहर की मांग सालभर बनी रहती है, जिसके कारण किसान भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. अरहर की फसल से अच्छी कमाई करने के लिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे इसकी उन्नत किस्म का चुनाव करें. अरहर की ऐसी ही एक उन्नत किस्म है अरहर TS-3R. अरहर की ये किस्म अपने मोटे दानों और बेहतरीन स्वाद के लिए लोकप्रिय है. बता दें कि मॉनसून सीजन इसकी खेती के लिए बेस्ट माना जाता है.
किसान सस्ते में खरीदें बीज
मॉनसून पूरी तरह से देश में एंट्री ले चुका है, ऐसे में किसान भी लगभग खरीफ फसलों की बुवाई कर चुके हैं. जिन किसानों को बुवाई में देरी हो गई है वे अब भी फसलों की बुवाई कर रहे हैं. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और हर संभव तरह से मदद भी दे रही हैं. इसी कड़ी में किसानों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) खरीफ फसलों के बीज खुले बाजार से कम कीमतों पर उपलब्ध कराता है.
अरहर TS-3R के 5 किलोग्राम बीज का पैकेट खुले बाजार में 1020 रुपये में मिल रहा है जबकि बीज निगम यही पैकेट मात्र 844 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसके बीज घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

NSC से सस्ते में खरीदें बीज
एक क्लिक पर मंगवाएं बीज
- किसानों को अरहर TS-3R के बीज को ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए आधिकारिक ई-कॉमर्स वेबसाइट ONDC के तहत mystore.in पर क्लिक करना होगा.
- ऊपर दिए गए लिंक से आप सीधे वेबसाइट के पेज पर चले जाएंगे.
- आपकी स्क्रीन पर अरहर TS-3R को खरीदने का ऑप्शन आएगा.
- इसके बाद अपनी जरूरत के अनुसार पैकेट की संख्या का चुनाव कर ‘Add to Cart’ पर क्लिक करें.
- अगली स्क्रीन पर आपको चेकआउट ‘Checkout’ का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करें.
- इसके बाद आपको अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद आपके पास एक ओटीपी (OTP) आएगा.
- इस ओटीपी को देने के बाद आपको अपना पता (Address) देना होगा, जिसके बाद आपका ऑर्डर पूरा हो जाएगा.
प्रति हेक्टेयर 1 टन तक होती है पैदावार
अरहर TS-3R अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म है. इसकी फसल बुवाई के करीब 150 से 170 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. बात करें इससे मिलने वाले उत्पादन की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान लगभग 1 टन तक पैदावार ले सकते हैं. अरहर की इस किस्म की खासियत है कि इसके दाने मोटे होते हैं और इसकी कटाई करना किसानों के लिए आसान होता है. इसकी एक और प्रमुख खासियत है कि ये विल्ट और बांझपन मोजेक जैसे प्रमुख कीटों की प्रतिरोधी है.