टमाटर-मक्का की फसल पर होता है इन रोगों का हमला, वैज्ञानिक ने बताए बचाव के उपाय

प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एम मुरुगानंदम ने जैविक खेती करने वाले किसानों को खेत की तैयारी और बुवाई के समय जरूरी सावधानियों की जानकारी दी.

नोएडा | Updated On: 4 Jun, 2025 | 01:37 PM

खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है. किसान खेतों में खरीफ फसलों की बुवाई कर चुके हैं. इस मौसम में किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है इन फसलों को रोगों से बचाना. बारिश के दौरान किसान खरीफ फसलों में कई तरह की गंभीर समस्याएं देखते हैं. इन फसलों में टमाटर, कचालू, मटर, अदरक, मक्का, लहसुन और धान शामिल हैं. प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एम मुरुगानंदम ने किसानों को इन समस्याओं का समाधान बताया है. खबर में आगे बात करेंगे इन समस्याओं और उनके बचाव की.

इन खरीफ फसलों में होता है संक्रमण

टमाटर

टमाटर की फसल पर फली छेदक और बैक्टीरियल विल्ट जैसे रोगों का संक्रमण हो जाता है. जिसके कारण फसल पर काले धब्बे पड़ने लगते हैं जिसके कारण इसकी क्वालिटी में गिरावट आने लगती है. क्वालिटी में गिरावट आने के कारण बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट आती है. इसके साथ ही पौधों के मुरझाने और सूखने की समस्या भी होती है.

ऐसे करें बचाव

पौधों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में और जमीन से दूरी बनाकर लगाएं. जिन पौधों में संक्रमण हो उन्हें हटाकर अलग कर दें. बैक्टीरिया विल्ट से पौधे को बचाने के लिए उसमें कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और मैनकोज़ेब 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. फली छेदक रोग से छुटकारा पाने के लिए 1 मिली क्विनालफॉस 25% EC को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर डालें.

अदरक और कचालू

अदरक और कचालू में रोगों का संक्रमण होने के बाद पौधे पूरी तरह काले पड़ने लगते हैं और आगे जाकर सूख जाते हैं. अदरक के पौधे जड़ से सड़ने लगते हैं जिसके कारण पौधा बढ़ नहीं पाता है.

करें दवा का छिड़काव

अदरक और कचालू को संक्रमण से बचाने के लिए इनकी फसल पर 2 ग्राम बेवेस्टिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर बीज उपचार कर लें, या फिर जड़ों के पास ड्रेंचिंग करें ताकि पौधे को बैक्टीरियल विल्ट और काले धब्बों से बचाया जा सके.

मक्का

खरीफ फसलों में मक्का एक प्रमुख फसल है. किसानों की इसकी खेती से बहुत फायदा होता है. मक्का की फसल में अकसर रोगों का संक्रमण तनों पर होता है जिसके कारण इसके तने कमजोर पड़ने लगते हैं . इसके साथ ही इसके पौधे पर फॉल आर्मीवॉर्म , ग्रब्स, नेमाटोड्स और कटवर्म जैसे रोगों का संक्रमण हो जाता है.

बचाव के लिए करें ये उपाय

मक्की की फसल को रोगों से बचाने के लिए दवा का इस्तेमाल करें. इसके लिए 2 से 3 ग्राम कार्बोफ्यूरान 3% को प्रति पौधे की दर से इस्तेमा करें. ये रोगों और कीटों को दूर करने में मदद करता है.

आमतौर पर कीट लगने पर क्या करें

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, देहरादून के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एम मुरुगानंदम ने किसानो को सामान्य कीटों के संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताए. उन्होंने बताया कि सामान्य कीड़े लगने की स्थिति में 7.5 मिली नोवल्यूरॉन 10 EC को 10 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें. इसके साथ ही जैविक खेती करने वाले किसानों को खेत की तैयारी और बुवाई के समय जरूरी सावधानियों की जानकारी दी गई.

Published: 4 Jun, 2025 | 01:32 PM