Fish Farming: तालाब में तेजी से बढ़ेगा मछलियों का वजन, इस देसी तरीके दोगुना हो जाएगा मुनाफा

मछली पालन आज किसानों के लिए आमदनी का नया जरिया बन गया है. सही बीज, साफ पानी और पौष्टिक दाना देकर तालाब में बड़ी और स्वस्थ मछलियां पाई जा सकती हैं. थोड़ी सावधानी से हर किसान मछली पालन में बेहतर लाभ कमा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Nov, 2025 | 06:45 AM

Fish Farming  : अगर आप अपने तालाब से बड़ी और स्वस्थ मछलियां पाना चाहते हैं, तो अब मुश्किल नहीं है. सही तरीके और थोड़े ध्यान से आप न केवल मछलियों की संख्या बढ़ा सकते हैं, बल्कि उनका वजन और गुणवत्ता भी शानदार बना सकते हैं. ग्रामीण इलाकों में अब मछली पालन सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि एक मजबूत बिजनेस बन चुका है. बस जरूरत है कुछ खास बातों को समझने और अपनाने की.

बीज की गुणवत्ता पर सबसे ज्यादा ध्यान दें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मछली पालन  में सबसे बड़ी गलती लोग बीज (Fish Seed) चुनते समय कर बैठते हैं. अक्सर बाजार से खरीदे गए जीरा साइज के बीज (छोटे मछली के बच्चे) ट्रांसपोर्ट के दौरान खराब हो जाते हैं. इससे तालाब में डाले गए बीजों में से केवल 25 से 35 प्रतिशत ही जीवित रह पाते हैं. ऐसे में नुकसान होना तय है. अगर आप मछली पालन को गंभीरता से करना चाहते हैं, तो बीज को सीधे तालाब में डालने की बजाय पहले नर्सरी में लगाएं. इससे बीज की जीवित रहने की दर लगभग 40 फीसदी तक बढ़ जाती है.

नर्सरी में करें शुरुआती देखभाल, मछलियां रहेंगी स्वस्थ

बीज को सीधे तालाब में डालने की बजाय 3 से 6 महीने तक नर्सरी में रखें. इस दौरान उन्हें सरसों की खल (mustard cake) और चावल के छिलके का चूरा खिलाएं. ये दोनों चीजें मछलियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता  बढ़ाती हैं और शुरुआती दिनों में तेजी से विकास में मदद करती हैं. नर्सरी में पानी साफ-सुथरा होना चाहिए, क्योंकि गंदे पानी में बीज जल्दी बीमार हो जाते हैं. एक बार बीज मजबूत हो जाएं, फिर उन्हें तालाब में स्थानांतरित करें.

पानी की गुणवत्ता तय करेगी मछलियों का वजन और आकार

तालाब का पानी मछली पालन की रीढ़ माना जाता है. अगर पानी में ऑक्सीजन की कमी या गंदगी है, तो मछलियां जल्दी बीमार  पड़ जाती हैं और उनकी ग्रोथ रुक जाती है. पानी को समय-समय पर साफ करना और उसमें ताजे पानी की आपूर्ति बनाए रखना बेहद जरूरी है. अगर तालाब में हरे शैवाल की परत दिखने लगे, तो तुरंत सफाई करें. साथ ही, मछलियों को समय-समय पर दाना देते रहें ताकि उन्हें पर्याप्त पोषण मिल सके.

सही दाना और पोषण से मछलियां होंगी मोटी-ताजी

मछलियों के दाने में प्रोटीन की मात्रा सही होना बेहद जरूरी है. आप अपने बजट के हिसाब से सरसों की खल, चावल की भूसी, या मक्का का चूरा मिला सकते हैं. इनसे न केवल मछलियों का वजन तेजी से बढ़ता है, बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. दिन में दो बार दाना डालें और ध्यान रखें कि दाना तालाब की सतह पर कुछ मिनट तक रहे, ताकि मछलियां आसानी से खा सकें. अगर दाना बच जाए, तो अगले दिन उसकी मात्रा घटा दें.

इन ब्रीड्स से मिलेगा ज्यादा मुनाफा

अगर आप अच्छी कमाई चाहते हैं, तो रोहू, कतला और नैनी जैसी ब्रीड्स सबसे बेहतर मानी जाती हैं. इन मछलियों का विकास  तेज होता है और यह लगभग 18 महीने में 2 किलो से अधिक वजन की हो जाती हैं. भारत के बाजारों में इन मछलियों की भारी मांग रहती है. अगर तालाब की देखभाल नियमित रूप से की जाए और पानी को साफ रखा जाए, तो एक तालाब से सालभर में हजारों रुपए की आमदनी संभव है.

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Published: 10 Nov, 2025 | 06:45 AM

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