Rohu Fish : अगर आप पंजाब के किसान हैं या मछली पालन से जुड़े हैं, तो आपके लिए यह खबर खुशखबरी से कम नहीं है. पंजाब सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य की सबसे लोकप्रिय मछलियों में से एक रोहू (Rohu Fish) को राज्य मछली (State Fish) घोषित कर दिया है. यह कदम राज्य की जलीय जैव विविधता (Aquatic Biodiversity) को सुरक्षित रखने और मत्स्य पालन (Fish Farming) को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
रोहू बनी पंजाब की पहचान
पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने रोहू को स्टेट फिश घोषित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य की मत्स्य संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए ऐतिहासिक है. इस कदम से न केवल जलाशयों में मछलियों की प्रजातियों की सुरक्षा होगी, बल्कि पंजाब के मछुआरों और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. मंत्री ने बताया कि पंजाब में कुल 43,683 एकड़ भूमि मछली पालन के लिए समर्पित है, जहां से हर साल 2 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है. इनमें से सबसे बड़ी हिस्सेदारी रोहू मछली की है.
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रोहू मछली की खासियत और बाजार में मांग
रोहू मछली पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में सबसे पसंदीदा प्रजातियों में से एक है. इसका मांस सॉफ्ट, स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें लगभग 25 फीसदी प्रोटीन, विटामिन A, B, D और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर को ताकत देने के साथ दिल और हड्डियों को भी मजबूत बनाते हैं. यही कारण है कि यह मछली स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. बाजार में रोहू मछली की कीमत 160 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो तक होती है. सही देखभाल और प्राकृतिक वातावरण में इसका वजन लगभग 45 किलो तक पहुंच सकता है.
मत्स्य पालन से नई आमदनी के रास्ते
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार पंजाब में मछली पालन को एक आर्थिक क्रांति के रूप में बढ़ावा दे रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY Scheme) के तहत किसानों को 30.63 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे 637 लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर मिले हैं. सरकार का मानना है कि रोहू मछली को राज्य की स्टेट फिश घोषित करने से मछली पालन को नई दिशा मिलेगी, किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और जलाशयों में पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहेगा. यह कदम न केवल जलीय संरक्षण की दिशा में अहम है, बल्कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा.
संरक्षण और उत्पादन दोनों पर फोकस
सरकार का यह कदम केवल उत्पादन बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि प्राकृतिक संरक्षण के लिए भी है. रोहू मछली राज्य की नदियों, तालाबों और जलाशयों में पाई जाती है. इसे लक्षित नीतियों के तहत संरक्षित करने से जल संसाधनों का संतुलन बना रहेगा और जलीय पारिस्थितिकी (Aquatic Ecology) को भी मजबूती मिलेगी. राज्य में मत्स्य पालन के नए प्रशिक्षण केंद्र और तकनीकी सहयोग योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि किसान आधुनिक तकनीक से जुड़ सकें और ज्यादा लाभ उठा सकें.
किसानों के लिए बड़ा अवसर
रोहू को स्टेट फिश घोषित किए जाने के बाद अब सरकार किसानों को तकनीकी गाइडलाइन, बीज उत्पादन, और फीड प्रबंधन में भी मदद करेगी. इससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा पाएंगे. मत्स्य पालन निदेशक गुरप्रीत सिंह ने बताया कि यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ–साथ स्वरोजगार के नए रास्ते भी खोलेगी. आने वाले समय में पंजाब देश के शीर्ष मत्स्य पालन राज्यों में शामिल होगा.