Fish Farming : कभी खेती सिर्फ अनाज उगाने तक सीमित थी, लेकिन अब किसान अपनी सोच बदल रहे हैं. आधुनिक तकनीक और सरकारी योजनाओं की मदद से खेत अब आमदनी का नया जरिया बन चुके हैं. खासकर मछली पालन जैसी योजनाओं ने किसानों के खेतों को कमाई वाला एटीएम बना दिया है. अगर आपके पास सिर्फ 1 हेक्टेयर जमीन है, तो अब आप भी मछली पालन से हर साल लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.
एक हेक्टेयर जमीन से शुरू हो सकती है बड़ी आमदनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की इस योजना के तहत किसान अपने खेत में तालाब बनाकर मछली पालन कर सकते हैं. योजना के लिए केवल एक हेक्टेयर जमीन होना जरूरी है. इस पर तालाब तैयार करने के बाद किसान मछलियों की विभिन्न प्रजातियों का पालन कर सकते हैं और उन्हें बेचकर सालाना लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. तालाब तैयार करने के लिए किसान को मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होता है. विभाग द्वारा दिए जाने वाले अनुदान की मदद से तालाब बनवाने का खर्च भी काफी हद तक कम हो जाता है. इससे छोटे और मध्यम किसान भी आसानी से मछली पालन शुरू कर सकते हैं.
सरकार दे रही है लाखों रुपये की सब्सिडी
इस योजना के तहत सरकार किसानों को तालाब निर्माण और मछली पालन के लिए आर्थिक सहायता दे रही है. योजना में कुल 25 लाख रुपये तक की राशि निर्धारित की गई है. सामान्य वर्ग के किसानों को 30-35 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है. अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 45 फीसदी तक की सब्सिडी मिलती है. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को मत्स्य पालन विभाग में आवेदन करना होता है. आवेदन के बाद विभाग तालाब निर्माण की मंजूरी देता है, और आवश्यक दिशा-निर्देशों के अनुसार काम शुरू किया जाता है.
योजना में कैसे करें आवेदन
किसान इस योजना के लिए मत्स्य पालन विभाग के कार्यालय में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क कर सकते हैं. आवेदन पत्र भरने के बाद आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं. इसके बाद विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाता है. सब कुछ सही पाए जाने पर किसान को अनुदान की राशि स्वीकृत की जाती है. किसानों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले वे अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन अधिकारी से पूरी जानकारी प्राप्त करें, ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो.
कौन-सी मछलियां करें पालन
इस योजना में किसान अपने तालाब में कई प्रजातियों की मछलियों का पालन कर सकते हैं. इनमें लाल परी, सिंघाड़ा मछली, रोहू, और कटला जैसी प्रजातियां प्रमुख हैं. ये मछलियां 3 से 6 महीने में पूरी तरह विकसित हो जाती हैं और बाजार में इनकी कीमत काफी अच्छी मिलती है. मछलियों की देखभाल भी ज्यादा कठिन नहीं होती. इन्हें नियमित भोजन और स्वच्छ पानी की जरूरत होती है. अगर किसान उचित तरीके से पालन करें, तो सालाना 3-5 लाख रुपये तक की कमाई संभव है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा नया सहारा
इस योजना ने गांवों की अर्थव्यवस्था में नई जान डाल दी है. पहले किसान सिर्फ धान, गेहूं और सोयाबीन जैसी फसलों तक सीमित थे, लेकिन अब मछली पालन उनके लिए नई आमदनी का जरिया बन गया है. इससे न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिले हैं. योजना का मकसद है किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि के साथ-साथ वैकल्पिक व्यवसायों को बढ़ावा देना. मछली पालन अब सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि कमाई का नया विज्ञान बन गया है, जिसने हजारों किसानों की जिंदगी बदल दी है.