बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय ने सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे दूध दुहने से पहले कुछ खास नियम अपनाएं. साफ-सुथरा और गुणवत्तापूर्ण दूध न केवल उपभोक्ताओं के लिए जरूरी है, बल्कि यह पशुपालकों की आय बढ़ाने में भी मदद करता है. सही तरीके से दुहाई करने और सफाई का ध्यान रखने से दूध की गुणवत्ता बनी रहती है और बाजार में इसकी मांग भी बढ़ती है. आइए जानते हैं कि दूध दुहने से पहले किन तैयारियों को अपनाना चाहिए और पशुपालक कैसे अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
दुहाई से पहले खुद की सफाई करें
दूध दुहने से पहले सबसे जरूरी है कि पशुपालक खुद को साफ रखें. हाथ और शरीर को अच्छे से धोना चाहिए. इसके अलावा, सिर को साफ कपड़े या टोपी से ढकना जरूरी है ताकि बाल दूध में न गिरें. यह छोटी सी सावधानी दूध की शुद्धता बनाए रखने में बहुत मदद करती है. जब पशुपालक स्वच्छ रहता है तो दूध भी ज्यादा सुरक्षित और साफ होता है.
पहली धार दूध फेंकें
हर बार दुहाई की शुरुआत में थन की पहली धार को जमीन पर फेंक देना चाहिए. यह धार थन की नली में जमा गंदगी और बैक्टीरिया को बाहर निकाल देती है. इससे आगे निकलने वाला दूध साफ और सुरक्षित रहता है. अगर यह कदम न अपनाया जाए तो दूध जल्दी खराब हो सकता है और बेचने पर कीमत कम मिल सकती है.
थनों की सफाई जरूरी
दूध दुहने के बाद थनों को साफ पानी से धोना चाहिए और फिर जीवाणुनाशक घोल का छिड़काव करना चाहिए. इसके बाद किसी साफ सूती कपड़े से थनों को पोंछ लेना चाहिए. यह तरीका थनों में संक्रमण और बीमारियों से बचाता है. स्वस्थ पशु का दूध हमेशा अच्छा और बाजार में मांग वाला होता है.
पशु की पूंछ और थनैला पर ध्यान दें
दूध दुहते समय पशु की पूंछ को हल्के से पीछे के पैरों से बांध देना चाहिए. इससे पूंछ से दूध या गंदगी बर्तन में नहीं गिरती और दुहाई करने वाला सुरक्षित रहता है. साथ ही, समय-समय पर थनों की थनैला जांच करनी चाहिए. थनैला एक आम रोग है जो दूध की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है. जांच से बीमारी जल्दी पकड़ी जा सकती है और समय पर इलाज संभव हो पाता है.
सरकार की पहल और पशुपालकों के लिए सलाह
बिहार सरकार की यह पहल केवल उपभोक्ताओं को स्वच्छ दूध देने के लिए नहीं है, बल्कि राज्य के दुग्ध व्यवसाय को मजबूत बनाने के लिए भी है. सरकार चाहती है कि हर पशुपालक स्वच्छता अपनाकर गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन को प्राथमिकता दे. इससे पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी और उनका व्यवसाय मजबूत होगा. छोटे-छोटे नियम अपनाकर आप दूध की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं और बाजार में बेहतर कीमत पा सकते हैं.