Azolla Feed: बकरियों की सेहत और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान अपनाएं ये चारा, जानें पूरी विधि और मात्रा

Goat Farming: बकरी पालन में ये चारा बन गया किसानों के लिए वरदान. यह पौष्टिक और सस्ता चारा दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. छोटे किसानों के लिए लागत कम, मुनाफा अधिक और बकरियों की सेहत बेहतर रहती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 11 Oct, 2025 | 09:00 AM

Azolla Fodder Production : बकरी पालन करने वाले छोटे और बड़े किसान हमेशा यही सोचते रहते हैं कि कैसे अपने पशुओं को सस्ता और पौष्टिक चारा दें. वहीं, दूध उत्पादन भी बढ़े. ऐसे में अजोला नामक जलीय चारा किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह चारा आसानी से उगता है, सस्ता है और बकरियों को जरूरी पोषण देता है. विशेषज्ञों के अनुसार, अजोला न सिर्फ बकरियों की सेहत सुधारता है, बल्कि दूध की गुणवत्ता और मात्रा भी बढ़ाता है. आइए जानते हैं इस चारे के फायदे, मात्रा और उपयोग के तरीके.

अजोला क्या है और क्यों खास है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजोला एक हरा जलीय फर्न है, जिसे पानी में उगाया  जाता है. इसकी पत्तियां छोटी-छोटी और हरी-भरी होती हैं. यह जल्दी बढ़ता है और आसानी से तैयार हो जाता है. किसान इसे अपने तालाब, पोखर या छोटे जलाशयों में उगा सकते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि अजोला में प्रोटीन, कैल्शियम, बीटा-कैरोटिन, विटामिन A और B और जरूरी अमीनो एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं. यही कारण है कि यह बकरियों के लिए सुपरफूड माना जाता है. अजोला सिर्फ पौष्टिक ही नहीं है, बल्कि सस्ता और टिकाऊ भी है. इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है और इसकी लागत केवल 1 किलो पर लगभग 2 रुपये आती है. छोटे किसान भी इसे आसानी से अपनाकर अपने पशुपालन में लाभ कमा सकते हैं.

कैसे और कितनी मात्रा में दें अजोला

विशेषज्ञों के अनुसार, एक दुधारू बकरी को प्रतिदिन केवल 500 ग्राम अजोला देने से दूध की मात्रा में 15 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि होती है. इतना ही नहीं, इससे अन्य चारे की 30 से 35 प्रतिशत तक बचत होती है. अजोला को आप सीधे पानी से निकालकर या हल्का सुखाकर भी बकरियों को खिला सकते हैं. बकरी अगर अजोला खाने लगती है, तो उसका पाचन बेहतर होता है और वह स्वस्थ रहती है. किसान इस चारे को अपने बकरी घर के पास ही तैयार कर सकते हैं, जिससे उन्हें बाजार से महंगे चारे खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बकरियों के लिए अजोला के फायदे

  • दूध उत्पादन बढ़ाता है- अजोला खाने से बकरी का दूध ज्यादा और पौष्टिक होता है.
  • सस्ता और टिकाऊ चारा- बाजार से महंगा चारा खरीदने की जरूरत कम हो जाती है.
  • पोषण का पूरा पैकेज- प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और जरूरी अमीनो एसिड मिलता है.
  • पाचन में सुधार- बकरी स्वस्थ और मजबूत रहती है.
  • अन्य चारे की बचत- 30-35 प्रतिशत तक अन्य चारे की जरूरत कम होती है.

इसलिए, किसान अजोला को अपने पशुपालन में शामिल करके लाभकारी और आसान तरीका अपना सकते हैं.

अजोला कैसे तैयार करें

अजोला तैयार करना बेहद आसान है. किसान तालाब या छोटे जलाशय में इसे उगा सकते हैं. पानी में तेजी से फैलने वाला अजोला कुछ ही हफ्तों में खाने योग्य हो जाता है. तैयार अजोला को बकरियों को सीधे खिला सकते हैं या हल्का सुखाकर चारे में मिला सकते हैं. इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है, और इसकी देखभाल भी कम मेहनत में की जा सकती है.

किसानों के लिए अजोला अपनाने का संदेश

अजोला छोटे और बड़े किसानों दोनों के लिए लाभकारी है. यह न सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाता है बल्कि बकरी पालन की लागत भी घटाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के ज्यादातर छोटे किसान जिनके पास पर्याप्त चरागाह नहीं हैं, उन्हें अजोला अपनाना चाहिए. अजोला से बकरी पालन  करने वाले किसान अब अपने पशुपालन से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं. दूध की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ यह चारा स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है.

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Published: 11 Oct, 2025 | 09:00 AM

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