अगर आप बकरीपालन को मुनाफे का धंधा बनाना चाहते हैं तो सिर्फ संख्या नहीं, हर बकरी की उम्र के अनुसार उसका सही आहार देना सबसे जरूरी है. मेमना हो, दुधारू हो या गाभिन बकरी सभी की जरूरतें अलग होती हैं. आहार जितना संतुलित और वैज्ञानिक होगा, उतना ही बेहतर दूध, वजन और प्रजनन का रिजल्ट मिलेगा. यही बात आपके मुनाफे को भी प्रभावित करती है. बकरी का सही डाइट प्लान जानना हर पशुपालक के लिए जरूरी है.
वजन के हिसाब से आहार का सही फॉर्मूला
बकरी को उसके वजन का औसतन 4 फीसदी शुष्क खाद्य पदार्थ देना जरूरी होता है. शुष्क पदार्थ में सूखा चारा, दाना और हरे चारे में मौजूद सूखी मात्रा शामिल होती है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह आहार बकरी की उम्र, वजन और स्थिति के अनुसार बदलता है. सभी बकरियों के लिए एक जैसा अनुपात नहीं होता, इसलिए आहार तय करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि पशु स्वस्थ रहे और उत्पादन बेहतर हो.
उम्र के हिसाब से बदलता है बकरी का आहार
बकरी की उम्र के अनुसार उसका आहार बदलता है. मेमना, दुधारू और गाभिन बकरी की पोषण जरूरतें अलग होती हैं. दुधारू बकरी को बरसीम और लूसर्न घास ज्यादा फायदेमंद होती है. इसलिए बकरीपालन करते समय यह जरूरी है कि किस उम्र में कैसी खुराक दी जाए, इसकी सही जानकारी हो. गलत आहार देने से न सिर्फ दूध उत्पादन घटता है, बल्कि बकरी की सेहत भी प्रभावित होती है. सही आहार से ही बकरीपालन लाभदायक बनता है.
सही अनुपात में चारा ही है सफल बकरीपालन की कुंजी
सफल बकरीपालन के लिए बकरी को संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है. इसके लिए हरा चारा 15 फीसदी, सूखा चारा 65 फीसदी और दाना 20 फीसदी मात्रा में देना चाहिए. अगर यह संतुलन बिगड़ गया तो बकरी कमजोर हो सकती है, दूध कम दे सकती है और बीमार भी पड़ सकती है. इसलिए हर पशुपालक को यह समझना जरूरी है कि बकरी को क्या, कितना और कब खिलाना है, ताकि वह स्वस्थ रहे और अच्छा उत्पादन दे.
हर उम्र की बकरी के लिए अलग डाइट जरूरी
हर उम्र की बकरी को अलग-अलग समय पर हरे चारे, सूखे चारे और दाने की जरूरत होती है. एक ही तरह का आहार सभी बकरियों पर नहीं अपनाया जा सकता. गर्भवती, दूधारू और छोटे मेमनों की जरूरतें अलग होती हैं. इसलिए बकरी की उम्र, स्थिति और वजन के अनुसार आहार में बदलाव करना जरूरी है. ऐसा करने से न सिर्फ बकरी स्वस्थ रहती है, बल्कि बकरीपालन से अच्छा लाभ भी मिलता ह