Goat Farming: बच्चों की शुरुआती देखभाल में न करें लापरवाही, जानिए फीडिंग का सही फॉर्मूला

बकरी पालन में लोग अक्सर अच्छी नस्ल, दवाइयों और बाड़े की सफाई पर ध्यान तो देते हैं, लेकिन सबसे जरूरी कड़ी बकरी के बच्चों की शुरुआती देखभाल को नजर अंदाज कर देते हैं. यही वह वक्त होता है जब सही खुराक और देखभाल से एक कमजोर बच्चा भी तगड़ा और मुनाफे वाला जानवर बन सकता है.

नई दिल्ली | Published: 9 Jul, 2025 | 06:12 PM

बकरी पालन में कई लोग अच्छी नस्ल, दवाइयों और बाड़े की सफाई का ध्यान रखते हैं. लेकिन जो सबसे अहम है बच्चों की शुरुआती देखभाल, उसमें गलती कर जाते हैं. यही वो समय होता है, जब बकरी के बच्चे मजबूत बनते हैं या कमजोर पड़ जाते हैं. अगर जन्म से तीन महीने तक का आहार सही नहीं हुआ तो बच्चा आगे जाकर बीमारियों का शिकार हो सकता है या मर भी सकता है. इसलिए जरूरी है कि इस उम्र में उन्हें सही और संतुलित खुराक दी जाए.

जन्म से तीन महीने तक कैसा हो मेमनों का आहार

बकरी के बच्चे  (मेमना) जब पैदा होते हैं तो उनका वजन नस्ल के हिसाब से 1.6 किलो से लेकर 7 किलो तक होता है. इस उम्र में बच्चों की देखभाल सबसे ज्यादा जरूरी होती है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जन्म के बाद पहले 4 से 7 दिन तक उन्हें मां का पहला गाढ़ा दूध यानी खींस (फेनूस) जरूर पिलाएं. यह दूध बच्चे के लिए अमृत जैसा होता है. क्योंकि, खींस पिलाने से बच्चे को ताकत मिलती है और उसके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. अगर खींस नहीं दिया गया तो बच्चा कमजोर रहेगा और जल्दी बीमार हो सकता है.

सात दिन बाद बच्चे को मां से अलग कर देना चाहिए और दिन में 2 से 3 बार दूध देना चाहिए. यही वो समय है जब मेमनों को थोड़ा-थोड़ा स्टार्टर दाना (Creep Feed) देना शुरू करें. इससे बच्चा जल्दी मजबूत होगा और बाद में हरा चारा और सूखा दाना भी आराम से खा सकेगा. सही शुरुआत से ही मेमनों की सेहत और ग्रोथ अच्छी होती हैआप घर पर ही बच्चों के लिए स्टार्टर दाना बना सकते हैं.

घर पर ही तैयार करें मेमनों के लिए पोषक दाना

अगर आप बकरी के बच्चों के लिए घर  पर ही स्टार्टर दाना बनाना चाहते हैं तो इसमें सामग्री तय मात्रा में मिलाएं. इसके लिए मकई 32 फीसदी, मूंगफली की खल्ली 35 फीसदी, गेहूं का चोकर 20 फीसदी, खनिज मिश्रण 2.5 फीसदी नमक 0.5 फीसदी और फिश मील (अगर उपलब्ध हो) 10 फीसदी मिलाएं. यह सभी चीजें बाजार में मिल जाती हैं. बस इसके लिए करना ये होगा कि इन्हें साफ करके दर्रा बनाएं और अच्छे से मिलाकर दाना तैयार करें. ध्यान रखें कि कोई भी सामग्री पुरानी, सड़ी या फफूंदी लगी न हो, वरना बच्चों को दस्त, बुखार जैसी बीमारियां हो सकती हैं. हमेशा साफ और सूखी सामग्री का ही इस्तेमाल करें.

मेमनों को नए आहार की शुरुआत सावधानी से करें

  • दाने को सूखे और साफ जगह पर रखें.
  • बकरी के बच्चों को धीरे-धीरे दाने की आदत डालें.
  • कोई भी नया खाना देने से पहले थोड़ा-थोड़ा दें और देखें कि बच्चा कैसे प्रतिक्रिया करता है.