गर्मी का मौसम हर किसी के लिए परेशानी लेकर आता है. इंसान हो या पशु-पक्षी सबको गर्मी सताती है. ऐसे में तालाबों में पाली जा रही मछलियों के लिए भी गर्मी किसी खतरे से कम नहीं. तापमान बढ़ते ही तालाब का पानी गर्म होने लगता है और मछलियों की सेहत पर इसका सीधा असर पड़ता है. अगर समय रहते सही उपाय न किए जाएं तो मछलियों में बीमारियां फैलने लगती हैं और नुकसान होने लगता है. ऐसे मौसम में मछलियों का विशेष ध्यान देना होता है.
पौष्टिक और संतुलित आहार दें
गर्मी के मौसम में मछलियों को हल्का लेकिन पौष्टिक और संतुलित आहार देना जरूरी होता है. जैसे इंसानों को गर्मी में हल्का खाना खाना चाहिए, वैसे ही मछलियों के लिए भी संतुलित भोजन जरूरी है. इससे मछलियां स्वस्थ रहेंगी और उनका विकास भी ठीक तरीके से होगा. आहार में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे.
पानी के तापमान का रखें खास ध्यान
गर्मी में पानी का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है. अगर पानी जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाए तो मछलियों के लिए खतरनाक हो जाता है. यही नहीं, कई बार ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. ऐसे में किसान तालाब में एरेटर (पानी में ऑक्सीजन घोलने वाली मशीन) का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहती है और मछलियां स्वस्थ रहती हैं.
नियमित सफाई और पानी की क्वालिटी पर नजर रखें
गर्मी के मौसम में तालाब की साफ-सफाई और पानी की क्वालिटी का विशेष ध्यान देना जरूरी है. अगर तालाब गंदा रहेगा तो उसमें बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, जिससे मछलियों में बीमारियां फैलने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर पानी की जांच करते रहें. अगर पानी दूषित हो जाए तो उसे निकालकर साफ पानी भरें.
बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएं
गर्मी में मछलियों में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है. अगर मछलियों की त्वचा पर सफेद धब्बे दिखें, उनकी गतिविधि कम हो जाए या वे सतह पर तैरती दिखें तो समझ लीजिए कि कुछ गड़बड़ है. ऐसे में तुरंत किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लें और उचित दवा का प्रयोग करें. इलाज में देरी करने से बीमारी तेजी से फैल सकती है.
चूने का करें नियमित प्रयोग
पानी की क्वालिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए चूने का भी प्रयोग करना चाहिए. चूना पानी को साफ रखने में मदद करता है और कई रोगजनक बैक्टीरिया को भी खत्म करता है. खासकर गर्मी में जब पानी का तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच हो, तब इसका खास ध्यान रखना चाहिए.