केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कृषि विक्रम 2025 कार्यक्रम में साफ कहा है कि अगर भारत को “विकसित भारत” बनाना है, तो उसे खाद, कीटनाशक और कीटनाशक दवाओं की सप्लाई चेन को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना होगा. उनका कहना है कि अगर किसी देश ने अचानक खाद की आपूर्ति रोक दी, तो हमारे किसानों और खेती पर बड़ा संकट आ सकता है. इसलिए हमें ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना होगा.
चीन ने बढ़ाई चिंता, भारत को अब खुद संभलना होगा
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, हाल ही में चीन ने कुछ खास उर्वरकों (Speciality Fertilisers) की आपूर्ति रोक दी है, जो खासतौर पर फलों, सब्जियों और अन्य मुनाफे वाली फसलों की पैदावार बढ़ाने में इस्तेमाल होते हैं. ऐसे में भारत के सामने सवाल उठता है अगर सप्लाई रुक गई तो खेती कैसे होगी?
पीयूष गोयल ने बिना चीन का नाम लिए कहा, “हमें ऐसी मजबूत सप्लाई चेन बनानी होगी, जिसमें अगर कोई देश सप्लाई रोके भी, तो हमें कोई परेशानी न हो.”
4.5 लाख करोड़ तक पहुंचा कृषि निर्यात
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि भारत का कृषि और मत्स्य निर्यात अब 4.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है. अगर हम फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण), पैकेजिंग और ब्रांडिंग को बेहतर करें, तो यह आंकड़ा 20 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है. उन्होंने कहा, “हमारे पास काबिल किसान हैं, संसाधन हैं और अब जरूरत है कि हम अपने उत्पादों को दुनियाभर में पहचान दिलाएं.”
किसानों पर नहीं पड़ेगा खाद की कीमतों का बोझ
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार ने अब तक खाद की कीमतें नहीं बढ़ने दीं, और आगे भी नहीं बढ़ने देगी. “हम किसानों को बचाने के लिए हजारों करोड़ की सब्सिडी देते हैं. ताकि उन्हें खाद सस्ती मिले और वे संकट में न आएं,” गोयल ने कहा.
सिंचाई को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी
उन्होंने यह भी माना कि भारत की खेती आज भी बारिश पर निर्भर है और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का असर कब और कैसे पड़ेगा, यह कोई नहीं जानता. ऐसे में किसानों को सुरक्षित रखने के लिए ड्रिप इरीगेशन जैसी तकनीकों को अपनाना जरूरी है. गोयल ने कहा, “हमें सिंचाई को ऐसा बनाना है कि किसान खुद उसमें निवेश करें, सिर्फ सरकारी मदद पर निर्भर न रहें.”