Fish Farming: ये 6 मछलियां हर सीजन में करवाती हैं लाखों की कमाई, छोटे तालाब से शुरू करें बड़ा धंधा

अगर आप खेती के साथ अतिरिक्त आमदनी चाहते हैं तो मछली पालन एक शानदार विकल्प बन सकता है. खासकर कुछ मछलियों को एक ही तालाब में पाला जा सकता है. ये न केवल तेजी से बढ़ती हैं, बल्कि कम देखभाल में अच्छा मुनाफा भी देती हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 27 Jun, 2025 | 06:00 AM

अगर आप खेती के साथ कोई ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे कम खर्च में मोटी कमाई हो तो मछली पालन एक जबरदस्त विकल्प है. खासकर कुछ ऐसी मछलियां हैं जो तेजी से बढ़ती हैं, कम देखभाल में पल जाती हैं और हर सीजन में आपको अच्छा मुनाफा दे सकती हैं. आज हम बात कर रहे हैं ऐसी 6 मछलियों की जो सिर्फ तालाब में नहीं तैरतीं, बल्कि आपकी कमाई को भी ऊपर पहुंचा सकती हैं. यहां 6 मछलियों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिन्हें छोटे तालाब में पालकर आसानी से बड़ा धंधा बनाया जा सकता है.

1. कतला

कतला मछली पानी की सतह के पास तैरती है और छोटे जीव-जंतुओं पर निर्भर रहती है. यह लगभग 6 से 8 महीने में बाजार के लिए तैयार हो जाती है और प्रति किलो 500 से 600 रुपये में बिकती है. यह लगभग दो साल में प्रजनन के लिए तैयार हो जाती है और प्रति किलोग्राम वजन पर 70,000 से अधिक अंडे देती है. हालांकि, यह तालाबों में खुद से प्रजनन नहीं करती, इसलिए इसके प्रजनन के लिए हार्मोन इंजेक्शन (हाइपोफाइजेशन तकनीक) का इस्तेमाल किया जाता है.

2. रोहू

रोहू मछली भारत की प्रमुख नदियों में पाई जाती है और तालाबों में पालना भी आसान है. यह 900 ग्राम तक साल भर में बढ़ जाती है. बाजार में इसकी ताजा मछली 600 रुपये किलो तक बिकती है और सूखी रोहू 800 से 850 रुपये किलो तक पहुंच जाती है. मछली पालकों के लिए यह कमाई का बढ़िया जरिया है.

3. मृगल

मृगल मछली तालाब की तलहटी में रहना पसंद करती है और शैवाल जैसी जैविक चीजें खाकर बढ़ती है. यह रोहू और कतला के साथ मिलकर भी पाली जा सकती है. प्रति किलो वजन पर यह करीब 1.90 लाख अंडे देती है. वहीं, बाजार में मृगल की कीमत 200 से 250 रुपये किलो तक रहती है. इसे पाल कर किसान आसानी से पैसे कमा सकते हैं.

4. तिलपिया

तिलपिया एक ऐसी मछली है जो तेजी से बढ़ती है और पालने में भी बेहद आसान होती है. इसकी खास बात यह है कि यह कम ऑक्सीजन वाले पानी में भी आराम से जिंदा रह सकती है, जिससे छोटे किसान भी इसे बिना ज्यादा खर्च के पाल सकते हैं. तिलपिया न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि पोषण के लिहाज से भी जबरदस्त है. इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन D और B12 जैसे जरूरी पोषक तत्व भरपूर होते हैं. यही वजह है कि बाजार में इसकी अच्छी मांग रहती है. वहीं, इसका रेट करीब 200 रुपये प्रति किलो तक है, जिससे यह एक मुनाफे का सौदा बन जाती है.

5. कैटफिश

कैटफिश कम ऑक्सीजन वाले पानी में भी आसानी से पनपती है और गर्म मौसम में तेजी से बढ़ती है. इसके लिए ज्यादा खर्च भी नहीं आता और यह 300 से 400 रुपये किलो तक बिक जाती है. विदेशों में इसकी भारी मांग इसे एक फायदेमंद विकल्प बनाती है.

6. कार्प मछलियां

कार्प मछलियां सस्ते आहार पर पल सकती हैं और अलग-अलग जलवायु में खुद को ढाल लेती हैं. इनकी खास बात यह है कि इन्हें दूसरी मछलियों के साथ भी पाला जा सकता है. वहीं, बाजार में इनका रेट 400 से 500 रुपये किलो तक होता है, जिससे ये किसानों के लिए एक टिकाऊ विकल्प बनती हैं.

एक ही तालाब से 6-7 लाख की कमाई

अगर किसान 1 एकड़ तालाब में कतला, रोहू, मृगल, तिलपिया, कैटफिश और कार्प जैसी मछलियों को एक साथ पालते हैं तो हर मछली तालाब के अलग हिस्से में रहती है और खाना पानी को लेकर आपस में टकराती नहीं. 6 से 8 महीने में करीब 4-5 टन मछली तैयार होती है. बाजार में इनका रेट 200 से 600 रुपये किलो तक है. सही मार्केटिंग और समय पर बिक्री से किसान 10 लाख तक की ग्रॉस कमाई कर सकते हैं, जिसमें 3-4 लाख रुपये खर्च निकाल दें तो 6 से 7 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है.

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Published: 27 Jun, 2025 | 06:00 AM

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