मछली पालन एक ऐसा पेशा है, जिसमें मेहनत तो बहुत है, लेकिन सही साधन और पूंजी न होने के कारण कई बार मछुआरों को घाटा उठाना पड़ता है. ऐसे में अब सरकार ने मछुआरों और मछली पालक किसानों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. मकसद है मछली पालन को सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक मुनाफे वाला व्यवसाय बनाना. इसके लिए सरकार ने कुछ आसान, सस्ती और भरोसेमंद ऋण योजनाएं शुरू की हैं, जिनकी मदद से किसान और मछुआरे अब आत्मनिर्भर बन सकते हैं. आइए जानते हैं कि ये योजनाएं कौन-कौन सी हैं और आपको इनमें क्या-क्या लाभ मिल सकता है.
1. मछली पालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना
सरकार ने वर्ष 2018-19 से किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मछुआरों और मछली पालकों को भी देना शुरू किया. इस योजना के तहत मछली पालक किसानों को कम ब्याज दर (सिर्फ 4 फीसदी) पर 2 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता है. अगर किसान समय पर भुगतान करता है, तो उसे ब्याज में और राहत मिलती है.
अब 1 जनवरी 2025 से इस योजना में कोलैटरल फ्री (बिना जमानत) लोन की सीमा बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है. 2025 के बजट में सरकार ने KCC की अधिकतम सीमा भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. अब तक देशभर में करीब 4.63 लाख मछुआरों को ये कार्ड जारी किए जा चुके हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
जहां से मछुआरे बैंकिंग करते हैं, वहीं के नजदीकी सरकारी या सहकारी बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
बैंक से KCC के लिए फॉर्म लेकर उसे भरें और मांगे गए दस्तावेज संलग्न करें:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड/मतदाता कार्ड)
- निवास प्रमाण पत्र
- मत्स्य पालन से जुड़ी जानकारी या पंजीकरण
- पासबुक/बैंक खाता विवरण
- सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर, बैंक आपकी ऋण योग्यता के अनुसार KCC जारी करता है.
अगर आपने पहले से KCC ले रखा है तो उसे अपग्रेड भी करवा सकते हैं ताकि नई लिमिट (2 लाख से 5 लाख) का फायदा मिल सके.
2. फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AIDF)
अगर आप मछली पालन के लिए बड़ा प्रोजेक्ट या इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं, तो ये योजना आपके लिए है. साल 2018-19 में शुरू हुई इस योजना के तहत 7522 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है, जिससे राज्य सरकारें, संस्थाएं या निजी इकाइयां भी ऋण ले सकती हैं. इस योजना में 5 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन दिया जाता है और उसमें भी सरकार 3 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. अब तक इस योजना के तहत 141 परियोजनाओं को 3947 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है.
आवेदन कैसे करें?
यह योजना थोड़ी बड़ी परियोजनाओं के लिए है. इसके लिए राज्य मत्स्य विभाग, नाबार्ड, एनसीडीसी (National Cooperative Development Corporation) जैसे संस्थानों के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
यदि आप निजी निवेशक हैं, तो आपके पास मछली पालन का रजिस्ट्रेशन और प्रोजेक्ट रिपोर्ट होना जरूरी है. संबंधित विभाग के माध्यम से प्रोजेक्ट भेजा जाता है और स्वीकृति मिलने पर आपको लोन की सुविधा दी जाती है. ब्याज दर पर सरकार की तरफ से 3 फीसदी तक की सब्सिडी मिलती है.
3. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
मछुआरों की जिंदगी अक्सर जोखिमों से भरी होती है—कभी समुद्र की लहरें तो कभी मौसम की मार. ऐसे में उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत मछुआरों को दुर्घटना बीमा की सुविधा मुफ्त में दी जाती है, जिसकी पूरी प्रीमियम राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर चुकाती हैं. मछुआरों को इसके लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ता.
इस बीमा योजना के अंतर्गत:
- यदि किसी मछुआरे की मृत्यु हो जाती है या वह स्थायी रूप से अपंग हो जाता है, तो 5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है.
- आंशिक अपंगता की स्थिति में 2.5 लाख रुपये की राशि मिलती है.
- वहीं दुर्घटना में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 25,000 रुपये तक का खर्च भी कवर किया जाता है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 से अब तक लगभग 1.31 करोड़ मछुआरों को इस योजना के तहत बीमा सुरक्षा दी जा चुकी है, जिससे यह योजना मछुआरा समुदाय के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बन गई है.
आवेदन कैसे करें?
- अगर आप बीमा कवर लेना चाहते हैं, तो अपने स्थानीय मत्स्य कार्यालय या पंजीकृत सहकारी समिति में संपर्क करें.
- PMMSY योजना के तहत बीमा कवर स्वतः मिल जाता है यदि आप मत्स्य विभाग में पंजीकृत मछुआरे हैं.
- कोई भी शुल्क नहीं लगता, आपका नाम अगर सूची में है तो बीमा अपने-आप चालू हो जाता है.
- अगर आप अभी तक पंजीकृत नहीं हैं तो जल्द से जल्द अपने राज्य मत्स्य विभाग में आवेदन करें.